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भारत में निरंतर यूपीआई पेमेंट बढ़ रहा है। QR कोड स्कैन किया और झटपट पैसे ट्रांसफर। मगर तकनीक की मदद से रुपये पैसे लेन देन की ये सुविधा जालसाजी में भी इस्तेमाल हो रही है। लोगों को कई बार ऑनलाइन लॉटरी का लालच देकर QR कोड स्कैन करने को कहा जाता है। गिफ्ट डिलिवरी और पेमेंट के नाम पर स्कैमर्स आपकी गाढ़ी कमाई पर हाथ साफ करने की जुगत लगाते रहते हैं।

QR कोड स्कैन करने की छोटी सी लापरवाही आपको बड़ा नुकसान करा सकती है। आपको तफ्सील से समझाते हैं कि आखिर कैसे होता है QR कोड से फ्रॉड। आपकी मेहनत की कमाई में सेंध लगाने के लिए साइबर ठग आपको एक QR कोड भेजते हैं। लॉटरी जीतने का लालच या पेमेंट के नाम पर आपसे कोड स्कैन करवाते हैं।

सतर्कता ही जालसाजी से बचाव का एक मात्र तरीका

जैसे ही आप कोड स्कैन करके अपना सिक्युरिटी पिन डालते हैं, आपके बैंक एकाउंट से कुछ रुपये निकल जाते हैं और इस तरह से आप धोखाधड़ी का शिकार हो जाते हैं। आरबीआई और QR कोड स्कैनिंग को लेकर जागरूकता अभियान चलाते रहते हैं, मगर सबसे अहम है कि QR कोड स्कैन करने में सावधानी बरती जाए। जब तक आपको ये पता न हो कि QR कोड किसने भेजा है, इसे स्कैन बिल्कुल न करें। अपने मोबाइल में हमेशा स्क्रीन लॉक लगाकर रखें।

अपना यूपीआई पिन दूसरों के साथ साझा न करें। तमाम सावधानी के बावजूद अगर आप साइबर फ्रॉड का शिकार हो जाएं तो फौरन इसकी शिकायत भारत सरकार के पोर्टल डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डॉट साइबर क्राइम डॉट जीओवी डॉट इन पर दर्ज करें। इसके अलावा आप सरकार की साइबर धोखाधड़ी हेल्पलाइन नंबर वन थ्री जीरो पर भी कॉल कर सकते हैं। 

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