सांप से भी ज्यादा खतरनाक होते हैं ऐसे लोग, बच के रहें नहीं तो कर देंगे आपको बर्बाद

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आचार्य चाणक्य ने नीति शास्त्र में कहा है कि मनुष्य को उन लोगों से बच के रहना चाहिए जो आपके मुंह पर तो मीठी बातें करते हैं लेकिन आपकी पीठ के पीछे आपको बर्बाद करने की योजना बनाते हैं। ऐसे लोग उस विष के घड़े के समान हैं जिसकी ऊपरी सतह दूध से भरी होती है।

Chanakya Niti 1

दोमुंही बातें करने वालों से बच के रहें

आचार्य चाणक्य के इस कथन का अर्थ है कि मनुष्य को हमेशा उन लोगों से बचना चाहिए जो दोमुंही बातें करते हैं। ये ऐसे लोग होते हैं जो आपके सामने तो कुछ कहते हैं और पीठ पीछे कुछ और। ऐसे लोगों से हर मनुष्य का आमना सामना जरूर होता है। असल जिंदगी में कई बार आपकी मुलाकात ऐसे लोगों से होती है जो आपके जीवन में अनकही परेशानियां लेकर आते हैं। ऐसे लोग सामने तो आपके ऐसे चहीते बनते हैं कि जैसे वो आपको सबसे ज्यादा सगे हों लेकिन पीठ पीछे आपके बारे में ही गलत बातें बोलते हैं।

ये लोग सांप से भी ज्यादा खतरनाक

ये लोग सांप से भी ज्यादा खतरनाक होते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि ये आपके सामने मिठ बोली भाषा का इस्तेमाल करते हैं। ये लोग दिल के साफ नहीं होते लेकिन दूसरों के सामने अपने आपको सबसे अच्छा साबित करने का कोई मौका नहीं छोड़ते। सांप किसी पर भी तब हमला करता है जब उसको आपसे खतरा हो। लेकिन इस प्रवृत्ति के लोग किसी के मन में भी बैर पाल लेते हैं।

इसी वजह से ऐसे लोग सांप से भी ज्यादा जहरीले होते हैं। क्योंकि ये सामने वाले के सभी अच्छे और बुरी चीजों को जानने के बात घात लगाकर हमला करते हैं। इसी वजह से आचार्य चाणक्य ने कहा है कि ऐसे लोगों से बचे जो आपके मुंह पर तो मीठी बातें करते हैं लेकिन आपकी पीठ के पीछे आपको बर्बाद करने की योजना बनाते हैं। ऐसे लोग उस विष के घड़े के समान हैं जिसकी ऊपरी सतह दूध से भरी होती है।

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