राज्य में इस चीज़ की कमी को लेकर सीएम हाउस में अहम बैठक, शिवराज ने उद्धव ठाकरे से की बात

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मध्य प्रदेश॥ कोरोना काल के बीच मप्र मेंं मेडिकल ऑक्सीजन की किल्लत हो गई है। देवास, जबलपुर, ग्वालियर, शिवपुरी समेत कई जिलों में मंगलवार-बुधवार को यह दिक्कत आई है। किल्लत इसलिए हुई, क्योंकि मप्र की मेडिकल ऑक्सीजन की डिमांड छत्तीसगढ़, गुजरात और महाराष्ट्र पूरी करते हैं।

Shivraj and uddhav

दरअसल, महाराष्ट्र सरकार ने अपनी जरूरत बढ़ती देख दूसरे राज्यों के लिए ऑक्सीजन की सप्लाई करने से इंकार कर दिया। इसके बाद मध्यप्रदेश में ऑक्सीजन की भारी किल्लत हो गई। ऑक्सीजन की कमी के लिए प्रदेश सरकार पर लापरवाही के आरोप लग रहे हैं। इन सभी आरोपों के बीच गुरुवार सुबह मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे से फोन पर बात की है।

ऑक्सीजन की सप्लाई नहीं रोकी जानी चाहिए

आक्सीजन की सप्लाई की कमी को लेकर सीएम शिवराज के निवास पर सुबह एक महत्वपूर्ण बैठक हुई। सीएम ने कहा कि ऑक्सीजन की कमी का विषय महत्वपूर्ण था जो मुझे विचलित कर रहा था। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मीडिया को बताया कि उन्होंने महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे से कहा है कि संकट के समय ऑक्सीजन की सप्लाई नहीं रोकी जानी चाहिए।

सीएम ठाकरे में मुझे आश्वस्त किया है। हमने वैकल्पिक व्यवस्था भी की है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि कोविड मरीजों को ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं होगी। सीएम शिवराज ने बताया कि हमने वैकल्पिक व्यवस्था भी की है, प्रारंभ मे एमपी में आक्सीजन की उपलब्धता थी केवल 50 टन, जिसे बढ़ा कर 120 टन तक कर ली है। 30 सितंबर तक 150 टन तक आक्सीजन की व्यवस्था कर लेंगे। एमपी को महाराष्ट्र से 20 टन आक्सीजन मिलती थी।

आईनॉक्स की जो कंपनी 20 टन आक्सीजन नागपुर से सप्लाई करती थी, अब वही कंपनी गुजरात से और उत्तरप्रदेश से 20 टन आक्सीन एमपी को सप्लाई करेगी। उन्होंने कहा कि हमारे यहां आक्सीजन के जो छोटे छोटे प्लांट है उनकी क्षमता भी कवल 50-60 टन थी, हमने उनसे आग्रह किया है कि वो फुल कैपिसिटी पर अपना प्लांट चलाएं। मैं प्रदेश की जनता को आश्वस्थ करता हूं कि आक्सीजन की कमी प्रदेश में नही होने पाएगी।

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