लखीमपुर मामले में योगी सरकार को सुप्रीम कोर्ट ने दी एक दिन की मोहलत, 24 घंटे में मांगे इन सवालों के जवाब

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लखीमपुर खीरी हिंसा मामले पर सुप्रीम कोर्ट में आज (07 अक्टूबर) को महत्वपूर्ण सुनवाई हुई। इसमें कोर्ट ने उप्र सरकार को एक दिन की मोहलत दी है और कल को विस्तृत स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने के लिए कहा है। इस रिपोर्ट में मृतकों की सूचना, FIR की सूचना, किसे अरेस्ट किया गया, जांच आयोग आदि के बारे में पूरी डिटेल्स देना है।

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न्यायालय ने योगी सरकार को ये भी आदेश दिया है कि मृत किसान लवप्रीत सिंह की मां के इलाज के लिए हर मुमकिन मदद की जाए। दरअसल, बेटे की निधन की खबर सुनकर मां को गहरा सदमा पहुंचा था, तब से वो बीमार हैं।

कोर्ट में योगी सरकार की तरफ से पेश वकील गरिमा प्रसाद ने कहा कि सरकार ने FIR दर्ज कर ली है। इसके अलावा हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज के नेतृत्व में जांच टीम बना दी है। सुनवाई करते हुए चीफ जज एनवी रमन्ना ने कहा कि एचसी में इस प्रकरण को लेकर कितनी याचिकाएं दाखिल हुई हैं, उनकी तफसील और ब्योरा दर्ज करें।

आपको बता दें कि अदालत ने योगी सरकार से कितनी FIR, कितने अरेस्ट, कितने आरोपी सभी कुछ बताने के लिए कहा है। सुनवाई के दौरान SC ने एक गलतफहमी को भी दूर किया। कोर्ट ने कहा कि दो वकीलों ने कोर्ट को लखीमपुर मामले के लिए लिखा था। इसपर अदालत ने मामले को जनहित याचिका के अंतर्गत पंजीकृत करने के लिए कहा था। लेकिन गलतफहमी में इसे स्वत संज्ञान के तहत रजिस्टर कर लिया गया।

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