इन 2 घटना से जल उठा था हिंदुस्तान, अदालत ने सुनाया बड़ा फैसला

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नई दिल्ली॥ हिंदुस्तान के दो बड़े और बहुचर्चित दंगो पर आज अदालत की सुनवाई के दौरान आरोपियों के विरूद्ध आदेश आया है। दरअसल, एक तरफ महाराष्ट्र के भीमा कोरेगांव में साल 2018 में हुई हिंसा मामले में बांबे अदालत ने माओवादी सम्पर्क में रहे 2 आरोपियों की जमानत याचिका खारिज कर दी। तो वहीं 1984 के सिख विरोधी दंगे से जुड़े मामले में भी आरोपी सज्जन कुमार को जमानत नहीं दी।

अदालत ने शुक्रवार को 1984 के सिख विरोधी दंगा मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे पूर्व कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को अंतरिम जमानत पर रिहा करने से मना कर दिया। सज्जन कुमार की अंतरिम जमानत को लरक मुख्य न्यायाधीश एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति सूर्य कांत की पीठ सुनवाई कर रही थी। उन्होंने जमानत न देने का आदेश देते हुए कहा कि जमानत याचिका पर गर्मियों की छुट्टी में सुनवाई की जायेगी।

आपको बता दें कि नवंबर 1984 को दिल्ली छावनी के राज नगर पार्ट-1 इलाके में 5 सिखों की हत्या और राज नगर पार्ट-2 में एक गुरुद्वारे को जलाने से जुड़े एक मामले को लेकर सज्जन कुमार को दिल्ली कोर्ट ने 17 दिसंबर 2018 को उम्रकैद की सजा सुनाई थी।

वहीं बांबे अदालत ने भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में शुक्रवार को सुनवाई के दौरान गौतम नवलखा और आनंद तेलतुंबडे की अग्रिम जमानत देने से मना कर दिया। हालांकि कोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी से अंतरिम राहत की अवधि 4 सप्ताह के लिए बढ़ा दी है। ऐसे में उच्चतम न्यायालय में अपील कर सकेंगे।

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