भारत-चीन के बीच चल रहे तनाव कम होने का नाम नहीं ले रहा है, आपको बता दें कि ऐसे में लद्दाख में भारत और चीन की सेना के बीच तनातनी पर पूरी दुनिया की नजरें टिकी हुई हैं। चीनी दादागिरी के खिलाफ भारतीय सेना के जोरदार जवाबी कार्रवाई की अब अमेरिकी मीडिया में भी प्रशंसा हो रही है।
वहीँ प्रतिष्ठित अमेरिकी पत्रिका न्यूज वीक में चर्चित स्तंभकार गॉर्डन जी चांग ने कहा कि भारत ने चीनी सेना को जोरदार पटखनी दी है और अब हमें शी जिनपिंग के अगले कदम की ओर नजर रखना होगा। आपको बता दें कि गॉर्डन ने कहा कि चीन का क्रूर सफाई अभियान अब आने वाला है।
गौरतलब है कि शी जिनपिंग पहले ही ‘सुधार’ अभियान चला रहे हैं और अपने विरोधियों को दंडित करने में जुटे हुए हैं। हालांकि भारतीय सेना के जवाबी कार्रवाई अब शी जिनपिंग का भविष्य खतरे में पड़ता दिखाई दे रहा है। उन्होंने कहा कि लद्दाख में घुसपैठ की यह पूरी योजना शी जिनपिंग और उनकी सेना ने बनाई थी लेकिन यह बुरी तरह से फ्लाप रही है.
वहीँ भारतीय विश्लेषक जयदेव रानाडे कहते हैं कि लद्दाख में शी जिनपिंग को बड़ा झटका लगा है और उन्हें एक ‘जीत’ की जरूरत है। इससे लद्दाख में और ज्यादा संघर्ष बढ़ सकता है। चीनी मामलों के विशेषज्ञ रिचर्ड फिशर कहते हैं कि चीनी नेता यह कोशिश करेंगे कि लद्दाख के झटके को शी जिनपिंग की हार न मानी जाए। इसके अलावा पीएलए के कमांडर शी जिनपिंग के आतंक से बचने के लिए भारत के खिलाफ और ज्यादा आक्रामक कार्रवाई कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि साल 2020 से हमें सबक मिला है कि पीएलए को लग रहा है कि वह अब जंग को तैयार है और शी जिनपिंग जीत के लिए सेना के इस्तेमाल को उत्सुक हैं। चीन के राष्ट्रपति जो खुद को अपराजेय समझते थे, अब उन्हें खुद को साबित करना पड़ रहा है। शी जिनपिंग अब भारत को टुकड़ों में बांटने के लिए बड़ा ऐक्शन ले सकते हैं।