लोकसभा चुनाव से पहले रेलवे बोर्ड ने समान्य टिकट का किराया कम कर दिया है। अब अनूपपुर से शहडोल की समान्य टिकट लेकर 50 किलोमीटर सफर करने के लिए मात्र 10 रुपए किराया देना होगा, यह पहले 30 रुपये था रेलवे बोर्ड ने तत्काल प्रभाव से आदेश जारी कर दिया है। कोरोना काल तक यही किराया था लेकिन इसके बाद जब ट्रेनों का संचालन शुरू किया गया तो रेलवे ने किराया बढ़ाकर 10 से 30 रुपये कर दिया गया। रेलवे बोर्ड ने यूटीएस सिस्टम और यूटीएस एप में बदलाव करने एवं लोकल टिकट बुकिंग करने वाले आईआरसीटीसी के सॉफ्टवेयर में भी बदलाव आदेश जारी कर दिए गए हैं।
अब मेमू एवं पैसेंजर ट्रेन का किराया कम से कम 10 रुपये होगा। जो तत्काल प्रभाव से लागू हो गया। पूर्व में एक स्टेशन भी जाना होता था तो कम से कम किराया 30 रुपये था। चाहे यात्री मेमू में सफर करें या एक्सप्रेस में किराया दोनों में बराबर था। लेकिन अब भारत सरकार रेल मंत्रालय ने यात्रियों की सुविधाए बहाल करते हुए यात्री हित में निर्णय लेने लगी है। शीघ्र ही अन्य जो सुविधाए बुजुर्गों को एवं अन्य वर्गों को कंसेशन की मिलती थी वह भी शीघ्र ही बहाल होगी। ज्ञात हो कि उड़ीसा प्रांत में पहले से ही सुविधाए बहाल थी। वहां के डीआरएम ने ट्वीट कर नगर के जागरूक नागरिक अरविंद बियानी को जानकारी दी थी। जहां की समान्य ट्रेन का किराया कम से कम 10 रुपए था एवं एक्सप्रेस ट्रेन का किराया 30 रुपए था।
दैनिक यात्रियों और मजदूरों को बड़ा लाभ
दैनिक रेल यात्रा में तीन गुना पैसा चुका रहे मजदूरों और दैनिक यात्रियों को भारतीय रेलवे बोर्ड के इस फैसले से बड़ा लाभ होगा। अब 50 किलोमीटर की परिधि में रहने वाले लोग मात्र 10 रुपए में आवाजाही कर सकेंगे, फिर चाहे देश के किसी भी क्षेत्र के रेलयात्री हो। रेलवे अधिकारी ने बताया कि 50 से हर 10 से 15 किलोमीटर तक यात्रा करने पर 5 रुपए बढ़ जाता है, इसका मतलब यह कि अब 30 रुपए में यात्री 90 किलोमीटर तक की यात्रा कर पाएंगे।
लोकल ट्रेनों को बना दिया था एक्सप्रेस
रेलवे ने कोरोना काल में लोकल ट्रेनों को एक्सप्रेस ट्रेन के रूप में नामित कर दिया था. सामान्य ट्रेनों का संचालन भी बंद कर दिया गया था, इसके कारण इनका किराया 10 रुपए से बढ़कर 30 रुपए हो गया था. एक्सप्रेस ट्रेनों का सबसे कम किराया 30 रुपए है अब फिर से इसे सामान्य कर दिया है तो यह किराया कम हो गया है, इससे देश के लाखों दैनिक यात्रियों को लाभ होने जा रहा है। ट्रेनों की श्रेणी बदलने से अन्य यात्रियों को भी लाभ हो सकता है। रेलवे की दोहरी मानसिकता की शिकायतें भी हुई लेकिन कान में जू तक नहीं रेगी। लेकिन अब जाकर रेलवे ने पूरे भारत में स्पेशल किराया हटाते हुए सामान्य किराया जो कोरोना पूर्व लगता था उसे पूरी तरह से बहाल कर दिया एवं टिकट भी प्राप्त होने लगी।
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