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गाजियाबाद॥ गाजियाबाद में आरडीसी स्थित एक निजी अस्पताल में हर्पीज सिम्प्लेक्स वायरस के संक्रमण का मामला प्रकाश में आया है। शुक्रवार को अस्पताल के चैयरमेन व नाक-कान गला विशेषज्ञ डॉ ब्रजपाल त्यागी के अनुसार ये वायरस कोरोना से 30 गुना ज्यादा खतरनाक है। उनका कहना है विश्व का दूसरा और भारत का पहला केस है।

covid-19

डॉक्टर ने बताया कि 35 वर्षीय विवेक को करीब एक माह पहले करोना हुआ था। वह डायबीटीज से ग्रसित है। पिछले महीने 26 मई को विवेक हर्ष अस्पताल आए। उनमें नाक के फंगस के सारे लक्षण थे। उसके साथ-साथ तेज बुखार, सिर दर्द और गर्दन में खिंचाव था। विवेक की दाईं नाक की दूरबीन से जांच की गई तो उसमें फंगस इन्फेक्शन के लक्षण मिले। लेकिन पैथोलॉजी रिपोर्ट ने उनको चौंका दिया। विवेक को ‘हर्पीज सिम्प्लेक्स’ टाइप-1 का इन्फेक्शन निकला।

डॉक्टर बीपी त्यागी के अनुसार, 30 साल में उनके सामने पहला केस है। नाक के अंदर यह इन्फेक्शन उन्होंने इससे पहले किसी मरीज में नहीं देखा था। स्टडी करने पर पाया कि इस तरह का एक मामला 2019 यूएसए में मिला था। यह विश्व का दूसरा और भारत का पहला केस है।

क्या है हर्पीज सिम्प्लेक्स

डॉ बीपी त्यागी ने बताया कि यह एक वाइरल इन्फेक्शन है, जो कम प्रतिरोधक क्षमता वाले मरीजों को पकड़ता है। ये नाक के रास्ते से दिमाग की झिल्ली पर सूजन पैदा करता है। इसके इन्फेक्शन के बाद 100 में चार लोग ही बच पाते हैं। अगर समय से पता न लगे तो यह गर्दन तोड़ बुखार पैदा करता है और मरीज की जान भी जा सकती है।

कैसे फैलता है इन्फेक्शन

उन्होंने बताया कि किसी भी वायरस की तरह ये छुआ-छूत की बीमारी है। मरीज की नाक का पानी अगर किसी दूसरे को लगेगा और उसकी प्रतिरोधक क्षमता कम है तो उसे भी ये बीमारी पकड़ सकती है।

ये है बचाव

मरीज के सम्पर्क में आने से पहले मास्क व दस्ताने पहनें। उसे आइसोलेशन वार्ड में रखें और वार्ड को हर रोज सेनेटाइज करें। तेज बुखार, गर्दन में जकड़न होने पर तुरंत डॉक्टर की सलाह लें। डायबिटीज के मरीज शुगर को कंट्रोल करें। प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाएं।

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