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ये मोगा जिले के रणसिंह कलां का गांव है, रणसिंह कलां पंजाब के हजारों गांवों में से एक जरूर होगा, लेकिन आजकल इसकी पहचान कुछ और ही हो गई है. पूरे पंजाब में इस गांव की चर्चा हो रही है।

यहां एक मिसाल दी जाने लगी है, इसकी एक बड़ी वजह गांव में शुरू की गई अनूठी योजनाएं हैं। युवा मिंटू ने जब सरपंची की कमान संभाली तो गांव की सूरत बदलने लगी। यह युवा सरपंच गांव के लोगों को अलग अलग सुविधाएं देने और गांव को स्वच्छ और प्लास्टिक कचरे से मुक्त रखने की कोशिश कर रहा है.

मिंटू सरपंच ने एक ऐसी अनूठी योजना शुरू की है कि लोग प्लास्टिक के लिफाफे को भी फेंकते नहीं हैं, जी हां, योजना ही कुछ ऐसी है। काफी सोच-विचार के बाद पंचायत ने यह योजना बनाई कि जो भी व्यक्ति कितनी भी मात्रा में प्लास्टिक कचरा, लिफाफे, खाली बोतलें या कोई भी खराब प्लास्टिक लेकर आता है, वह बदले में राशन के लिए चीनी, चावल, गुड़ ले सकता है.

गांव में शुरू हुई योजना का बड़ा असर देखने को मिला। लोगों ने सड़कों पर लिफाफे और प्लास्टिक कचरा फेंकना बंद कर दिया और इस नई योजना का लाभ उठाना शुरू कर दिया। गांव के लोग काफी खुश नजर आए।

मिंटू सरपंच के इस प्रयास में पूरा गांव आगे आया और समर्थन किया, क्योंकि कबाड़ प्लास्टिक और राशन की कीमत में बड़ा अंतर था. ऐसे में गांव के लोगों ने मिलकर अपने-अपने स्तर पर राशि एकत्रित की, ताकि इस योजना को सफलतापूर्वक जारी रखा जा सके।

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