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क्रिसमस का त्योहार प्रतिवर्ष 25 दिसंबर को पूरे विश्व में बहुत हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। इस दिन ईसाई समुदाय के लोग ईसा मसीह का जन्मदिन मनाते हैं। इस पर्व को मनाने में क्रिसमस ट्री का खास महत्व है। लोग क्रिसमस ट्री को रंग बिरंगी वस्तुओं से सजाते हैं। किंतु क्या आप जानते हैं क्रिसमस पर्व में क्रिसमस ट्री को पहली बार कब शामिल किया गया। उत्सव को मनाने में इस पेड़ का क्या महत्व है। आईये आज हम आपको क्रिसमस ट्री से जुड़ी कुछ खास बातें बताते हैं।

25 दिंसबर पर केक और गिफ्ट के साथ साथ एक और चीज का इस त्योहार में विशेष महत्व होता है वो है क्रिसमस ट्री। ये एक सदाबहार पेड़ है जिसकी पत्तियाँ न तो किसी मौसम में झड़ती हैं और न ही इसमें कभी मुर्झाती हैं। प्रति वर्ष इस त्योहार में घर में लोग क्रिसमस ट्री लगाते हैं, किंतु क्या आप इसके इतिहास के बारे में जानते हैं?

बता दें कि क्रिसमस ट्री को इंग्लैंड में लोग किसी के बर्थडे, शादी या किसी रिश्तेदार की मौत हो जाने पर भी उसकी याद में रोकते हैं। इसके जरिए वो कामना करते हैं कि इससे पृथ्वी हमेशा ही हरी भरी रहे। प्राचीन इतिहास और चंद कथाओं में यह भी पता चलता है कि क्रिसमस ट्री स्वर्ग के बाग में भी लगा था।

मान्यताओं के मुताबिक बाग में लगे क्रिसमस ट्री को आदम ने बाल को तोड़ा और खाया जिसे परमेश्वर ने खाने से मना किया था। तब इस पेड़ की वृद्धि रुक गई और पत्तियां सिकुड़कर नुकीली बन गई। कहते हैं इस पेड़ की वृद्धि उस समय तक नहीं हुई जब तक ईसा मसीह का जन्म नहीं हुआ। उसके बाद यह पेड़ बढ़ने लगा। 

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