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हाल ही में हुए राजस्थान के विधानसभा इलेक्शनों में भाजपा ने जीत जरूर दर्ज की थी, मगर चुनावी कैंपेन के दौरान भाजपा पूर्व की गहलोत सरकार की पुरानी पेंशन स्कीम के मुद्दे पर सियासी तौर से काफी ज्यादा असहज नजर आ रही थी। ओल्ड पेंशन स्कीम को तत्कालीन गहलोत सरकार के लिए मास्टरस्ट्रोक की तरह भी आंका जा रहा था।

वो बात अलग है कि पुरानी पेंशन स्कीम को राजस्थान में लागू करने के बावजूद कांग्रेस राजस्थान में सत्ता रिपीट नहीं कर पाई थी। मगर इस बात को पूरी तरह से नकार देना कांग्रेस पार्टी को इस मुद्दे पर अपर हैंड चुनावों में नहीं मिला। ये किसी भी स्तर पर ठीक नहीं होगा क्योंकि भले कांग्रेस सरकार रिपीट न कर पाई मगर वोट परसेंटेज और सीटों के लिहाज से राजस्थान में कांग्रेस ने 2013 जैसा खराब प्रदर्शन नहीं किया था। खैर जब बात ओल्ड पेंशन स्कीम की चली है तो बड़ी खबर ये है कि लोकसभा चुनाव से पहले भी पुरानी पेंशन का यह मामला भाजपा को असहज कर सकता है।

दरअसल अखिल भारतीय कर्मचारी संघ के आवाहन पर 6 मार्च को देश में सत्याग्रह धरना दिया जाएगा। जिसके तहत राजस्थान में भी अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ एकीकृत के पदाधिकारियों की मांगों के संबंध में जयपुर कलेक्ट्रेट पर 6 मार्च को सत्याग्रह धरना ज्ञापन का कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।

महासंघ के प्रदेश महामंत्री विपिन प्रकाश शर्मा ने बताया कि कर्मचारियों की प्रमुख तीन मांग है जिनमें आठवां राष्ट्रीय वेतन आयोग गठित करना पुरानी पेंशन बहाली पर राजस्थान के कर्मचारियों का केंद्र से 41,000 करोड़ बकाया भुगतान करना और संविदा निविदा कर्मियों के लिए राजस्थान लॉजिस्टिक सर्विस डिलिवरी कॉरपोरेशन का गठन करने की मांग को लेकर प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा जाएगा। अखिल भारतीय कर्मचारी महासंघ के आह्वान पर 6 मार्च को देश में एक सत्याग्रह धरना दिया जा रहा है। जिसमें प्रमुख मांगे हमारी यह रहेगी कि पुरानी पेंशन की बहाली सभी राज्यों में हो।

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