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मिट्टी में उगती एक खास मिर्च, शिमला मिर्च, जिसका नाम सुनते ही मुँह में पानी आ जाता है। इसकी खेती ने कई किसानों की तकदीरें बदली हैं, जिसमें से एक हैं बाराबंकी के रामदास वर्मा। उन्होंने नई तकनीकों का इस्तेमाल करके शिमला मिर्च की खेती में नया आयाम दिया है।

खेती की प्रक्रिया
शिमला मिर्च की खेती में बाराबंकी के शरीफाबाद गांव में रहने वाले किसान, रामदास वर्मा ने नवीनतम तकनीकों का इस्तेमाल किया। वे जैविक खाद का प्रयोग कर रहे हैं, जिससे मिट्टी में पोषक तत्वों का सही स्तर बना रहता है। इससे फसल की गुणवत्ता में सुधार हुआ है और पहली ही बार में उन्हें अच्छा लाभ मिला है।

लाभ
शिमला मिर्च की खेती ने उन्हें अच्छा मुनाफा दिलाया है। वर्तमान में, एक एकड़ में करीब दो से ढाई लाख रुपए तक का मुनाफा हो रहा है। यह खेती तीन से चार महीने की होती है और इसमें कम लागत में अच्छा लाभ होता है।

नए तकनीकों का प्रयोग
रामदास वर्मा ने परंपरागत खेती के माध्यम से लागत निकालने की दिशा में कदम उठाया। उन्होंने शिमला मिर्च की खेती को नई दिशा दी है, जिससे उन्हें अच्छा मुनाफा हुआ है।

शिमला मिर्च की खेती एक बहुत ही व्यावसायिक विकल्प है, जो किसानों को सुखदायक लाभ प्रदान कर सकती है। इसमें नकदी मुनाफा होता है और यह मार्केट में भी अच्छी मांग रखती है।

अच्छा व्यावसायिक विकल्प
शिमला मिर्च की खेती एक अच्छा व्यावसायिक विकल्प हो सकता है, जो किसानों को अच्छा मुनाफा दिला सकता है। रामदास वर्मा जैसे किसानों की कहानी से यह साबित होता है कि नई तकनीकों का प्रयोग कर खेती में नए आयाम दिए जा सकते हैं।
 

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