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स्मार्टफोन यूजर्स अनजान नंबरों की पहचान करने के लिए ट्रूकॉलर का इस्तेमाल करते हैं। ट्रूकॉलर में यूजर्स फोन नंबर के साथ-साथ कॉल करने वाले का नाम भी देख सकते हैं। सरकार ने नए टेलीकॉम बिल में निर्णय लिया है कि अब कॉल करने वाले यूजर का नाम कोई नहीं देख पाएगा.
नए विधेयक ने इस आइटम को कॉलिंग नेम प्रेजेंटेशन (CNAP) लिस्ट से हटा दिया है। इसलिए कॉल करने वाले यूजर का नाम नंबर के साथ दिखाई नहीं देगा। ये नियम सभी कंपनियों के लिए समान हैं. इस संबंध में सरकार की ओर से कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है. लेकिन गोपनीयता और डेटा उल्लंघनों को लेकर नए नियमों पर निरंतर कार्य किया जा रहा है।
इससे डेटा चोरी जैसे मुद्दों पर अंकुश लगाने के लिए नियम बनाए गए हैं। यदि कंपनियां यूजर्स के नाम का खुलासा करती हैं, तो उपयोगकर्ता की गोपनीयता का भी उल्लंघन होगा। अब नेटवर्क कंपनियां किसी भी यूजर का नाम प्रदर्शित नहीं कर सकेंगी।
क्या ट्रूकॉलर बंद हो जाएगा?
सरकार का ये निर्णय ट्रूकॉलर जैसे ऐप्स से संबंधित नहीं है। सरकार के फैसले से ट्रूकॉलर का इस्तेमाल बढ़ सकता है. इससे लोग अब दूसरे ऐप्स का ज्यादा इस्तेमाल करने लगेंगे। इसकी मदद से यूजर की जानकारी भी आसानी से प्राप्त की जा सकती है।
साथ ही, फिलहाल ट्रूकॉलर का इस्तेमाल करने के लिए किसी तरह के भुगतान की जरूरत नहीं है। यही कारण है कि बहुत से लोग इसका उपयोग करते हैं। तो ये पूरी तरह से सरकार द्वारा लिया गया निर्णय है।