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Israel Iran war: हाल के दिनों में इजरायल ने लेबनान समर्थित हिजबुल्लाह के खिलाफ तीव्र हमले किए हैं, जिसके परिणामस्वरूप हिजबुल्लाह के सभी शीर्ष कमांडर, जिनमें प्रमुख हसन नसरल्लाह और उनके उत्तराधिकारी सैफुदीन शामिल हैं, मारे जा चुके हैं। इस स्थिति के बाद हिजबुल्लाह बैकफुट पर चला गया है। ईरान भी बेदम नजर आ रहा है। ये सब नेतन्याहू की शातिर चाल की वजह से हो पाया है।

अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने 8 अक्टूबर को एक ब्रीफिंग में बताया कि हिजबुल्लाह द्वारा युद्धविराम का आह्वान इस बात का संकेत है कि आतंकवादी समूह कमजोर हो रहा है।

हिजबुल्लाह की प्रतिक्रिया

हिजबुल्लाह के उप नेता नईम कासिम ने एक टेलीविजन संबोधन में कहा कि ईरान समर्थित समूह की क्षमताएँ अभी भी बरकरार हैं, और उनके लड़ाके इजरायल के हमलों का सामना कर रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि हिजबुल्लाह, लेबनान के संसद अध्यक्ष नबीह बेरी के युद्धविराम प्रयासों का समर्थन करता है, मगर किसी भी शर्त के बारे में विस्तृत जानकारी नहीं दी।

अमेरिकी प्रतिक्रिया

मिलर ने कहा कि पिछले एक साल से युद्धविराम की मांग की जा रही थी, मगर हिजबुल्लाह ने इस पर सहमति नहीं दी थी। अब जब वे बुरी तरह से पीटे जा रहे हैं, तो उन्होंने अचानक युद्धविराम की मांग करना शुरू कर दिया है।

इस प्रकार, हिजबुल्लाह की स्थिति और इजरायल के हमले के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है और युद्धविराम की मांग इस संघर्ष में एक नया मोड़ ला सकती है।

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