लखनऊ। इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (इसरो ) ने सोमवार को एक्स-रे पोलरिमीटर सैटेलाइट समेत कुल 11 उपग्रहों को लेकर जा रहे एक पीएसएलवी रॉकेट को लॉन्च कर नए साल की शरुवात की। पहले इसे दिसंबर के आखिर में लॉन्च करने की योजना थी। इसरो का 'एक्स-रे पोलेरिमीटर सैटेलाइट' ब्लैक होल जैसे आकाशीय पिंडों के रहस्यों का अध्ययन करेगा। 2023 में चंद्रयान-3 मिशन के जरिए चांद पर पहुंचने और आदित्य एल-1 मिशन के जरिए सूर्य तक सफर की शुरुआत के बाद इसरो ने नए साल के पहले ही दिन एक बड़ी शुरुआत की है।
इसरो के अनुसार यह खगोलीय स्रोतों से एक्स-रे उत्सर्जन का अंतरिक्ष आधारित ध्रुवीकरण माप में अध्ययन करने के लिए अंतरिक्ष एजेंसी का पहला समर्पित वैज्ञानिक उपग्रह है। ये वेधशाला की तरह काम करने वाला दुनिया का दूसरा सैटेलाइट होगा। सैटेलाइट को पांच साल तक काम करने के हिसाब से डिजाइन किया गया है। ये एक्स-रे के अहम डेटा जुटाएगा और इससे हमें ब्रह्मांड के रहस्यों को बेहतर तरीके समझने में मदद मिलेगी।
उल्लेखनीय है कि इससे पहले वर्ष 2021 में नासा और इटली की अंतरिक्ष एजेंसी ने संयुक्त रूप से आईएक्सपीई नाम का सैटेलाइट छोड़ चुके हैं, जो वेधशाला की तरह का काम करता है। इस तरह इसरो ने अंतरिक्ष के क्षेत्र में आज एक बड़ी सफलता अर्जित की है। अभी कुछ ही माह पूर्व इसरो ने चंद्र और सूर्य मिशन पर सफलता अर्जित की थी।
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