पूर्व भारतीय क्रिकेटर इरफान पठान ने IPL के आने से भारतीय क्रिकेट की सूरत बदलने के बात कही है। उन्होंने बताया कि इस टूर्नामेंट के आने के बाद से इंडियन टीम में नए खिलाड़ियों का शामिल होना सरल हो गया है। पूर्व भारतीय क्रिकेटर ने भारतीय क्रिकेट पर भारतीय प्रीमियर लीग के असर के बारे में भी बताया है। आईपीएल के आने से पहले सन् 2003 में भारत के लिए डेब्यू करने वाले इरफान पठान ने कहा कि उनके दौर में खिलाड़ी राष्ट्रीय टीम में जगह बनाने के लिए रणजी ट्रॉफी, दलीप ट्रॉफी या अंडर -19 को टारगेट बनाते थे।
इरफान ने बताया कि आप जानते हैं कि अगर आप भारतीय टीम में जगह बनाने चाहते थे तो उस वक्त रणजी ट्रॉफी ही एक विकल्प था। कोई आईपीएल नहीं। आपको रणजी ट्रॉफी, दलीप ट्रॉफी या भारत U19 के लिए खेलना होता था और फिर इंटरनेशनल लेवल पर खेलने का मौका मिलता था। अब चीजें बदल गई हैं। अगर आप एक आईपीएल खेल सकते हैं तो नेशनल टीम में भी जगह बना सकते हैं।”
पठान ने अपने दौर को याद किया और बताया कि कैसे उस दौरान टीम में एंट्री के लिए संघर्ष करना पड़ा था। उन्होंने अपना एक किस्सा साझा किया और कहा, “मेरी पीठ में बहुत सारे फ्रैक्चर होने के बावजूद, मैंने उन फ्रैक्चर के साथ रणजी ट्रॉफी और यहां तक कि मुश्ताक अली भी खेला। हमें पता नहीं चल सका क्योंकि स्कैनर में सिर्फ 1.5 टेस्ला मशीनें थीं, और हम ऑस्ट्रेलिया गए, और उनकी मशीनों से मुझे पता चला कि मुझे बहुत सारे फ्रैक्चर हैं। मैं दर्द से राहत देने वाली गोलियां खाता रहा क्योंकि मैं देश के लिए खेलना चाहता था।”