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नई दिल्ली॥ मोदी सरकार ने ट्विटर (Twitter) को शनिवार को नए IT नियमों के अनुपालन संबंधी आखिरी चेतावनी दे दी है और अगर अब भी वह कानून के हिसाब से चलने से इनकार करता है तो उसको संवाद में मध्यस्थ के तौर पर मिला संरक्षण समाप्त हो जाएगा। इससे ट्विटर की मुश्किलें बढ़ जायेंगी और IT व अन्य कानूनों के अंतर्गत उसके विरूद्ध होने वाली कम्प्लेंस पर खुद का संरक्षण नहीं कर पायेगा।

Twitter - modi

इलेक्ट्रॉनिक्स व IT मंत्रालय ने इस संबंध में ट्विटर (Twitter) को चेतावनी भरा पत्र लिखा है। इसमें कहा गया है कि सरकार की ओर से उसे आखिरी चेतावनी दी जा रही है। पत्र के अनुसार नए IT नियम 26 मई से लागू हो गए हैं और ट्विटर ने इसपर अपनी स्थिति स्पष्ट नहीं की है। साथ ही उसने कोई ऐसे संकेत नहीं दिए हैं कि वह इनका अनुपालन करना चाहता है।

कंपनी ने मुख्य अनुपालन अधिकारी की नियुक्ति नहीं की है। उसने शिकायत निवारण तथा नोडल संपर्क अधिकारी के नाम दिए हैं मगर दोनों कंपनी से नहीं है साथ ही उसका ऑफिस पता भी किसी लॉ फर्म का पता है। (Twitter)

मंत्रालय ने कहा है कि नए नियमों को लागू हुए एक सप्ताह बीत गया है और ट्विटर (Twitter) लगातार अनुपालन से इनकार कर रहा है। ट्विटर देश के नागरिकों को सुरक्षित मंच मुहैया कराने के लिए प्रतिबद्ध है। वह अपनी प्रतिबद्धता को नहीं निभा रहा है। सरकार ने नए नियम अपने नागरिकों की सुरक्षा की दृष्टि से ही बनाये हैं। सरकार अपने नागरिकों को ऑनलाइन प्रताड़ित करने, बदनाम करने और अन्य कई तरीकों से परेशान किए जाने से बचाना चाहती है।

मंत्रालय ने कहा है कि अच्छी मंशा से वह फिर भी ट्विटर (Twitter) को समय दे रही है। अगर वह नए IT नियमों के अनुपालन से इनकार करती है तो उसे IT एक्ट 2000 के सेक्शन 79 के अंतर्गत मिला संरक्षण वापिस ले लिया जाएगा। नए IT नियमों के पैरा 7 में इसका स्पष्ट उल्लेख किया गया है। ऐसा होने पर उसका संवाद मध्यस्थ होने का दर्जा और भारत के अन्य कानूनों से मिला संरक्षण समाप्त हो जाएगा।

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