img

Justin trudeau: कनाडा अंतरराष्ट्रीय छात्रों पर प्रतिबंधों को और सख्त करने जा रहा है। इस कदम का असर भारतीय छात्रों पर भी पड़ेगा। कनाडा सरकार के आधिकारिक बयान के अनुसार, यह पहल ऐसे समय में की गई है जब कनाडा देश में अस्थायी निवासियों की संख्या में कटौती कर रहा है।

ये पहल इस सप्ताह हुए उपचुनाव में सरकार की बड़ी हार और जनमत सर्वेक्षणों में पिछड़ने के बाद की गई है। अब इसका मकसद देश में अस्थायी निवासियों - जिनमें अंतरराष्ट्रीय छात्र और विदेशी कर्मचारी शामिल हैं उनकी संख्या कम करना है।

कनाडा की राजनीति में सबसे ज्यादा विभाजनकारी मुद्दों में से एक संघीय चुनाव अक्टूबर 2025 में होने वाला है। बुधवार को हुए बदलावों के साथ 2025 तक 4,37,000 कम अंतरराष्ट्रीय अध्ययन लाइसेंस जारी किए जाएँगे।

इमिग्रेशन डिपार्टमेंट के आंकड़ों के मुताबिक, कनाडा ने 2023 में 5,09,390 अंतरराष्ट्रीय छात्रों के परमिट को मंजूरी दी है। इस बीच, पहले सात महीनों में 1,75,920 जारी किए गए हैं। इन बदलावों से कुछ छात्रों और अस्थायी विदेशी कर्मचारियों के जीवनसाथी के लिए वर्क परमिट की पात्रता भी सीमित हो जाएगी।

आव्रजन मंत्री मार्क मिलर ने कहा, "वास्तविकता यह है कि जो लोग कनाडा आना चाहते हैं, वे नहीं आ पाएंगे, ठीक उसी तरह जैसे कि जो लोग कनाडा में रहना चाहते हैं, वे भी नहीं आ पाएंगे।"

इस पहल का मेन मकसद पढ़ाई या नौकरी के लिए कनाडा जाने वाले भारतीय छात्रों पर प्रभाव डालना है। इसका उन पर बड़ा असर होगा क्योंकि सरकार इस साल 35% कम अंतरराष्ट्रीय छात्र परमिट देगी।

--Advertisement--