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Kashmir Election Results: जम्मू-कश्मीर में करीब 10 साल बाद विधानसभा चुनाव हो रहे हैं। वोटों की गिनती शुरू हो गई है। प्रारंभ में डाक मतों की गिनती की जाएगी। वोटों की गिनती भारी सुरक्षा के बीच होगी। ऐसे में इस चुनाव में ट्विस्ट देखने को मिल रहा है। विधानसभा चुनाव 90 सीटों के लिए हुए थे, मगर सदन में पांच और विधायकों के साथ 95 विधायक होंगे।

पांच विधायकों को उप राज्यपाल नियुक्त किया जाएगा। अब ये जिज्ञासा पैदा हो गई है कि सत्ता गठन के काम में इन पांचों विधायकों की क्या भूमिका है। ये सभी विधायक जनता द्वारा चुने गए विधायकों के साथ विधानसभा में बैठेंगे। इसके चलते सरकार बनाते वक्त उन्हें वोट देने का अधिकार होगा या नहीं, इस पर अभी भी सस्पेंस बना हुआ है। केंद्र सरकार के इस कदम से जम्मू-कश्मीर में हड़कंप मच गया है।

एग्जिट पोल ने एक दशक में पहले चुनाव में त्रिशंकु विधानसभा की भविष्यवाणी की है। कांग्रेस पार्टी ने उप राज्यपाल द्वारा नियुक्त विधायकों के फैसले का विरोध किया है। अगर इन विधायकों को वोट देने का अधिकार दिया गया तो सरकार स्थापित करने से लेकर कामकाज तक में दिक्कतें आएंगी। कांग्रेस ने कहा है कि ऐसा कोई भी फैसला लोकतंत्र और संविधान के मूल सिद्धांतों के खिलाफ है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इन पांचों विधायकों को निर्वाचित प्रतिनिधियों के समान विधानसभा की शक्तियां और विशेषाधिकार प्राप्त होंगे। ये पांच विधायक पाकिस्तान अधिकृत जम्मू-कश्मीर और कश्मीरी आईडीपी का प्रतिनिधित्व करेंगे। इसके चलते कांग्रेस को लगता है कि उप राज्यपाल बीजेपी के इन विधायकों को चुन लेंगे और सरकार बनने के बाद बिल पास कराने और दूसरे कामों में ये उनके लिए मुसीबत बनेंगे।

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