शारदीय नवरात्रि में विशेष रूप से मां दुर्गा का व्रत और पूजन किया जाता है। नवरात्रि के नौ दिन मां दुर्गा के नौ रूपों का पूजन करने का विधान है। इन्हें नवदुर्गा कहा जाता है। इसके साथ ही शारदीय नवरात्रि में देशभर में रामलीलाओं का भी मंचन होता है। जिसमें भगवान श्री राम के जीवन प्रंसगों का मंचन किया जाता है। दशमी के दिन रावण वध के साथ दशहरा का पर्व मनाया जाता है। इस साल करोना गाइडलाईन का पालन करते हुए देशभर में आज से रामलीला के मंचन की शुरूआत होगी । तो आइए जानते हैं किस प्रकार हो रहा है इस साल रामलीला का मंचन….
दिल्ली के प्रसिद्ध रामलीला मैदान से लेकर अयोध्या, काशी, प्रयागराज समेत देशभर में कोराना गाइडलाईन का पालन करते हुए रामलीला का मंचन शुरू होगा । दशहरा का पर्व भगवान राम की रावण पर विजय के उपलक्ष में मनाया जाता है। इसके पहले शारदीय नवरात्रि के नौ दिन राम लीला का आयोजन किया जाता है। नवरात्रि के पहले दिन आज रामलीला की शुराआत सभी देवी-देवताओं के पूजन के साथ होती है। इसके बाद आदि कवि बाल्मीकि की स्तुति और रामायण जी की आरती का गान होता है। इसके बाद भगवान राम के जन्म की कथा के साथ रामलीला की शुरूआत होगी।
देशभर के गांव, कस्बों से लेकर इण्ड़ोनेशिया, मलेशिया आदि देशों में भी रामलीला का मंचन किया जाता है। रामलीला की शुरूआत में आज भगवान राम और माता सीता के जन्म के दृश्य दिखाए जाएंगे। इसके बाद ताड़का वध तथा सीता-राम विवाह, वन गमन, सीता हरण, बाली वध, वानर सेना द्वारा रामसेतु का निर्माण और लंका युद्ध आदि के प्रसंगो का मंचन किया जाता है। रामलीला का समापन दशहरा के दिन रावण, कुभंकर्ण और मेधनाद के पुतलों के दहन के साथ होता है।