Kushinagar News : कुष्ठ रोग उन्मूलन के लिए सरकार और कुष्ठ विभाग लगातार प्रयत्नशील है। इसके लिए समय-समय पर अभियान चलाए जाते हैं। कुष्ठ रोगियों के लिए इलाज से लेकर कुष्ठ दिव्यांगों को पेंशन तक की सुविधा सरकार उपलब्ध करा रही है। कुष्ठ दिव्यांगों के पेंशन की धनराशि उनके लिए काफी मददगार साबित हो रही है।
272 कुष्ठ दिव्यांगों को मिल रहा कुष्ठावस्था पेंशन का लाभ
इस समय जिले में 272 कुष्ठ दिव्यांगों को पेंशन की धनराशि मिल रही है। जिला दिव्यांगजन सशक्तिकरण अधिकारी अनुरिता ने बताया कि जिले में 272 पात्र दिव्यांगजनों को प्रति माह 3000 रुपये कुष्ठावस्था पेंशन दी जा रही है।
कुष्ठ रोग उन्मूलन कार्यक्रम के जिला परामर्शदाता डाॅ. विनोद कुमार मिश्रा ने बताया कि कुष्ठ रोग आज भी समाज में छिपाया जाता है। जिसका कारण सामाजिक भ्रांतियाँ तथा कुष्ठ रोग के बारे में गलत जानकारियां हैं। इससे निजात पाने के लिए समय-समय पर कुष्ठ विभाग द्वारा गांवों, स्कूलों, बाजारों आदि स्थानों पर जागरूकता दिलाने के लिए आईईसी प्रोग्राम चलाया जाता है, ताकि समाज में कुष्ठ रोग के प्रति अंधविश्वास तथा गलत धारणाओं को समाप्त किया जा सके।
क्या है कुष्ठावस्था पेंशन
कुष्ठ रोग के कारण दिव्यांग हुए ऐसे सभी दिव्यांगजन जो उत्तर प्रदेश के मूल निवासी हैं, जो गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले हैं। वर्तमान में ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करने वाले जिनकी आय 46,080 रुपये तथा शहरी क्षेत्र में निवास करने वाले, जिनकी आय 56,460 रुपये प्रति वर्ष की सीमा के अंदर है एवं शासन द्वारा संचालित अन्य कोई पेंशन का लाभ न प्राप्त कर रहे हों तो ऐसे लाभार्थी को दिव्यांग पेंशन का लाभ मिल सकता है। चाहे दिव्यांगता का प्रतिशत कुछ भी हो।
पेंशन की धनराशि प्रतिमाह 3000 रुपये देय होगी। दिव्यांगता प्रमाण-पत्र मुख्य चिकित्सा अधिकारी के स्तर से जारी होना चाहिए। लाभ पाने के लिए पात्र दिव्यांगजन को http://sspy-up.gov.in पर अपना आवेदन करना होता है। इसके पश्चात जिला दिव्यांगजन सशक्तिकरण अधिकारी के सत्यापन के बाद पात्र दिव्यांगजन को इस योजना का लाभ मिल सकता है।
आवेदन के लिए आवश्यक दस्तावेज
-कुष्ठ के कारण दिव्यांगता का प्रमाण पत्र (प्रतिशत की सीमा नहीं)
-गरीबी रेखा से नीचे का आय प्रमाण पत्र
-आयु की न्यूनतम/ अधिकतम की सीमा नहीं है।
-बैंक पासबुक की छाया-प्रति
पेंशन साबित हो रही मददगार
कुष्ठावस्था पेंशन प्राप्त कर रहे जिले के परदेशी (बदला हुआ नाम) तथा रामहित (बदला हुआ नाम) ने बताया कि दवा तो सरकारी अस्पताल से निःशुल्क मिल जाती है। लेकिन घर का खर्च चलाने में पेंशन की धनराशि मददगार साबित हो रही है। पेंशन से राशन, सब्जी सहित अन्य रोजमर्रा की सामग्री खरीदी जाती है। सरकार की यह योजना कुष्ठ रोगियों के लिए वरदान साबित हो रही है।
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