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अजब-गजब ।। ब्रिटिश शोधकर्ताओं ने अपने शोध में पाया कि गर्भावस्था में अगर किसी महिला में थायरॉक्सिन हार्मोन का स्तर कम है तो उसकी होने वाली संतान गणित में कमजोर होगी। यह हार्मोन बच्चे के दिमागी विकास के लिए जरूरी होता है। शोधकर्ताओं ने 12 हफ्तों तक गर्भवती महिलाओं और बाद में बच्चों पर भी जन्म से लेकर पांच साल की उम्र तक शोध करने के बाद यह निष्कर्ष निकाला है।

थायरायड ग्रंथि गर्दन के सामने की ओर,श्वास नली के ऊपर एवं स्वर यन्त्र के दोनों तरफ दो भागों में बनी होती है। इसका आकार तितली की तरह होता है। एक स्वस्थ व्‍यक्ति में थायरायड ग्रंथि का भार 25 से 50 ग्राम तक होता है। यह ‘ थाइराक्सिन ‘ नामक हार्मोन बनाती है।

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थायरायड ग्रंथि से थाईराक्सिन कम बनने की अवस्था को ‘हायपोथायराडिज्म’ कहते हैं, इस से निम्न रोग के लक्षण उत्पन्न हो जाते हैं –

  • शारीरिक व मानसिक विकास धीमा हो जाता है।
  • इसकी कमी से बच्चों में क्रेटिनिज्म (CRETINISM ) नामक रोग हो जाता है।
  • 12 से 14 साल के बच्चे की शारीरिक वृद्धि रुक जाती है और 4 से 6 साल के बच्चे जितनी ही रह जाती है।
  • शरीर का वजन बढ़ने लगता है एवं शरीर में सूजन भी आ जाती है।
  • सोचने व बोलने की क्रिया धीमी हो जाती है।
  • शरीर का ताप कम हो जाता है, बाल झड़ने लगते हैं तथा ‘गंजेपन’ की स्थिति आ जाती है।

फोटो- फाइल