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आंध्र प्रदेश में एक हैरान कर देने वाली घटना हुई है। एक महिला ने अपने वैवाहिक जीवन के कई साल एक अंधेरे कमरे में गुजारे हैं। 35 वर्षीय महिला को उसके वकील पति व ससुराल वालों ने बंदी बनाकर रखा था। एक मार्च को पुलिस ने उसे छुड़ाया। सुप्रिया नाम की इस महिला के माता-पिता ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। इसके बाद उन्हें विजयनगरम शहर के छावनी क्षेत्र से रिहा कर दिया गया।

पुलिस के मुताबिक, अनंतपुर जिले की साईं सुप्रिया की शादी 2008 में विजयनगरम की गोदावरी मधुसूदन से हुई थी। कपल बेंगलुरु में आईटी सेक्टर में काम करता था। उनका पहला बच्चा भी वहीं पैदा हुआ था। बाद में वे विजयनगरम वापस चले गए। मधुसूदन ने 2011 में यहां वकालत शुरू की थी। बेंगलुरु से विजयनगरम लौटते ही सुप्रिया की जिंदगी नर्क बन गई। तभी से मधुसूदन और उनके परिवार ने सुप्रिया को नजरबंद कर रखा है। यहां तक ​​कि उसके माता-पिता को भी उससे बात नहीं करने दी जाती थी। दंपति के दो बच्चे हैं।

मधुसूदन ने सुप्रिया के माता-पिता को उससे या उसके पोते-पोतियों से मिलने नहीं दिया। सुप्रिया के मुताबिक, जब से वह 2011 में विजयनगरम लौटी थी, तब से उसने कुछ ही बार अपनी ससुराल छोड़ने की कोशिश की है। हालाँकि सुप्रिया के माता-पिता को उसके ससुराल वालों द्वारा उसके साथ किए जा रहे दुर्व्यवहार के बारे में पता था, मगर वे काफी देर तक चुप रहे। उसे लगा कि अगर हमने कुछ कहा तो मामला बढ़ने पर उसकी बेटी का जीना मुश्किल हो जाएगा।

फरवरी में, सुप्रिया के माता-पिता और कुछ रिश्तेदार उससे मिलने विजयनगरम गए, मगर मधुसूदन ने उन्हें अनुमति नहीं दी, जिसके बाद रिश्तेदारों ने पुलिस से संपर्क किया। इन लोगों ने पुलिस को घर में घुसने भी नहीं दिया। उन्होंने सर्च वारंट की मांग की। इसके बाद सुप्रिया के माता-पिता ने उसे छुड़ाने के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। कोर्ट ने वारंट जारी किया, जिसके आधार पर पुलिस ने मधुसूदन के घर की तलाशी ली और सुप्रिया को छुड़ा लिया। सुप्रिया के पति और ससुर के विरूद्ध FIR दर्ज की गई है।

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