बरेली : शहर के परसाखेड़ा औद्योगिक क्षेत्र में छह साल पहले हुए उद्योगपति सुधीर अग्रवाल, उनकी पत्नी मधुलिका और नौकरानी अंशु की हत्या के मामले में अदालत ने चार अभियुक्तों को उम्रकैद की सजा सुनाई है । सुधीर अग्रवाल अपनी फैक्टरी में बनी कोठी में रहते थे जहां 24 अक्तूबर 2015 को तड़के उनके साथ, उनकी पत्नी मधुलिका और नौकरानी अंशु की बांके से काटकर हत्या कर दी गई थी।
पुलिस ने इस मामले में पास ही के गांव खड़ौआ निवासी अंशु के प्रेमी देवेंद्र और उसके दोस्त अजय कश्यप, एटा के बंधा गांव निवासी ओमकार और संजू को गिरफ्तार किया था। 24 अक्तूबर 2015 को हुए नृशंस हत्याकांड ने स्थानीय उद्योग जगत को हिला दिया था।
उद्योगपति सुधीर अग्रवाल, उनकी पत्नी और नौकरानी की हत्या के मामले में उनके किराएदार जयप्रकाश ने एफआईआर दर्ज कराई थी।
अदालत में इस हत्याकांड की सुनवाई के दौरान 11 लोगों ने गवाही दी। जयप्रकाश ने 24 अक्तूबर 2015 को लिखाई रिपोर्ट में कहा था कि घटना वाले दिन दोपहर करीब दो बजे सफाईकर्मी अजय ने उन्हें बताया कि मैडम (मधुलिका) और नौकरानी (अंशु) को फोन करने पर कोई जवाब नहीं मिल रहा है। उसके साथ जाकर देखा तो दरवाजा खुला था। बेड पर सुधीर अग्रवाल की लाश पड़ी थी और अलमारी का सामान बिखरा हुआ था। मकान के ऊपरी हिस्से के बरामदे में मधुलिका और अंशु की खून से लथपथ लाशें पड़ी थीं। लग रहा था कि लूटपाट के बाद तीनों की हत्या की गई है।
पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर छानबीन शुरू की तो पता चला कि नौकरानी अंशु के खड़ौआ में रहने वाले देवेंद्र से प्रेम सबंध थे जो मूलरूप से एटा के गांव बंधा का निवासी है। उसने अपने दोस्त ओमकार, संजू और खड़ौआ के अजय कश्यप के साथ वारदात की है। घटनास्थल से इन लोगों ने एक मोबाइल और 40 हजार रुपये भी लूटे।