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Up Kiran, Digital Desk: एक प्यार की कहानी जो सोशल मीडिया पर शुरू हुई और खूंखार हत्या पर जाकर खत्म हो गई। पुलिस ने उस सेना के जवान को गिरफ्तार कर लिया है जिसने अपनी गर्लफ्रेंड को सिर्फ इसलिए मौत के घाट उतार दिया क्योंकि उसकी शादी कहीं और तय हो चुकी थी। आरोपी ने छात्रा पर चाकू से सात बार वार किए फिर शव को सुनसान जगह पर गड्ढा खोदकर दफना दिया। पांच दिन बाद जब कुत्तों ने मिट्टी खोदी तो बाहर निकला मासूम हाथ और खुल गया सनसनीखेज कत्ल का राज।

मामला थरवई थाना क्षेत्र के कुसुंगुर गांव का है। गिरफ्तार आरोपी का नाम हर्षवर्धन सिंह उर्फ दीपक है जो भारतीय सेना में नायक है। वह छुट्टी पर घर आया था और 30 नवंबर को उसकी बारात जाने वाली थी। पुलिस ने उसे मनसैता नदी के पुराने पुल के पास से पकड़ा। साथ में हत्या में इस्तेमाल किया गया चाकू और फावड़ा भी बरामद कर लिया।

घर से स्कूल के लिए निकली थी लेकिन लौटकर नहीं आई

दस नवंबर की सुबह ग्यारहवीं में पढ़ने वाली साक्षी यादव घर से स्कूल के लिए निकली थी लेकिन लौटकर नहीं आई। परेशान परिजनों ने थाने में गुमशुदगी दर्ज कराई। पांच दिन बाद 15 नवंबर को लखरावां गांव में मनसैता नदी के किनारे जमीन में दफन शव मिला। शुरुआत में किसी को समझ नहीं आया कि लाश किसकी है लेकिन हाथ देखते ही गांव में हड़कंप मच गया।

पुलिस ने जब साक्षी के फोन और इंस्टाग्राम अकाउंट की छानबीन शुरू की तो सामने आया दीपक का नाम। दोनों की चैट पढ़कर पुलिसवालों के रोंगटे खड़े हो गए। जून 2025 से बात शुरू हुई थी जो धीरे धीरे गहरी दोस्ती और फिर इश्क में बदल गई। दीपक की शादी दूसरी जगह पक्की हो चुकी थी। जब उसने होने वाली पत्नी की तस्वीर इंस्टाग्राम पर डाली तो साक्षी को पता चल गया। उसने दीपक से शादी करने की जिद पकड़ ली।

दीपक ने बताया कि साक्षी उसे बार बार धमकी दे रही थी कि अगर शादी नहीं की तो सबकुछ बता देगी। रास्ते से हटाने का प्लान उसने पहले से बना लिया था। दस नवंबर को सुबह बालसन चौराहे पर साक्षी को बाइक पर बिठाया। पहले आजाद पार्क ले गया। वहां पांच छह घंटे समझाता रहा कि शादी मुमकिन नहीं है लेकिन साक्षी नहीं मानी। शाम पांच बजे माता पिता से मिलवाने के बहाने मनसैता नदी किनारे ले गया। सुनसान जगह पर चाकू निकाला और एक के बाद एक सात वार कर दिए।

लाश पास के बाग में ले जाकर मंदिर से फावड़ा उठाया और गड्ढा खोद डाला। चाकू और फावड़ा भी वहीं दबा दिया। साक्षी का बैग हाईवे किनारे देवरियां गांव के पास फेंक दिया। उसे यकीन था कि कोई पता नहीं लगा पाएगा। हैरानी की बात यह है कि शव मिलने की सूचना पर वह खुद भी भीड़ में शामिल होकर घटनास्थल पर पहुंच गया था और पुलिस की जांच देखता रहा।

पुलिस को सबसे बड़ा सुराग मिला साक्षी की कॉपी से जिसमें दीपक का नाम और नंबर लिखा था। सीसीटीवी में भी दोनों साथ दिख रहे थे। हत्या के बाद दीपक ने अपना फोन फॉर्मेट कर दिया था और यूट्यूब देखकर इंस्टाग्राम अकाउंट डिलीट करने की कोशिश की लेकिन ब्राउजर हिस्ट्री डिलीट करना भूल गया। यही चूक उसे ले डूबी।

शहर के डीसीपी मनीष कुमार शांडिल्य और गंगापार के डीसीपी कुलदीप सिंह गुनावत ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पूरी कहानी बताई। उनका कहना था कि यह प्रेम प्रसंग का ऐसा खौफनाक अंत शायद ही पहले देखा हो। दीपक ने कबूल किया कि वह साक्षी को पहले से जानता था क्योंकि उसका पैतृक गांव बनकट उसके घर के पास ही है। छुट्टी पर आने पर मिलना जुलना बढ़ गया और इंस्टाग्राम ने आग में घी डालने का काम किया।

अब दीपक जेल की सलाखों के पीछे है और 30 नवंबर की बारात कभी नहीं जाएगी। एक मासूम जिंदगी सिर्फ इसलिए चली गई क्योंकि कोई अपनी इज्जत और आने वाली जिंदगी बचाना चाहता था। यह कहानी बताती है कि सोशल मीडिया पर शुरू हुई दोस्ती कितनी भयानक भी हो सकती है। साक्षी के घर में मातम है और गांव वाले अब भी सदमे में हैं कि उनके बीच का ही लड़का इतना बड़ा गुनाह कर सकता है।

पुलिस अब यह भी जांच रही है कि क्या दीपक ने पहले भी किसी को धोखा दिया था या यह उसकी पहली और आखिरी हरकत थी। जो भी हो एक जवान जिसे देश की रक्षा का जिम्मा सौंपा जाता है उसने सबसे बेरहमी से एक मासूम की जान ले ली। यह किसी फिल्म से कम नहीं लगता लेकिन हकीकत इससे कहीं ज्यादा दर्दनाक है।