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Up Kiran, Digital Desk: गाजा में फिलहाल संघर्ष विराम लागू हो गया है। दो साल से चल रहे युद्ध के बाद फिलिस्तीन और इज़राइल के बीच झड़पें रोकने पर सहमति बन गई है और अब गाजा की तात्कालिक व्यवस्था पर निर्णय लेने की दिशा में काम शुरू हो गया है। इस मसले पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में एक प्रस्ताव पेश करने की तैयारी चल रही है, जिसके तहत अगले दो साल के लिए वहाँ अस्थायी प्रशासन स्थापित करने का प्लान है।

प्रस्ताव के अनुसार अमेरिका और उसके सहयोगी देश गाजा में सुरक्षा और प्रशासनिक कामकाज की जिम्मेदारी संभालेंगे। इन देशों का मकसद न सिर्फ शांति बहाल करना है, बल्कि मानवीय सहायता पहुँचाने, बुनियादी ढाँचे की पुनर्स्थापना और नागरिक सुरक्षा को भी सुनिश्चित करना है। प्रस्ताव का मसौदा तैयार है और उसे सुरक्षा परिषद में रखा जाना तय है।

मसौदे के अनुसार, गाजा में तैनात की जाने वाली इकाई का नाम “इंटरनेशनल स्टेबिलाइजेशन फोर्स” रखा गया है। इस बल को विशेष रूप से इज़राइल व मिस्र से सटी सीमाओं पर निगरानी और सुरक्षा सुनिश्चित करने का काम सौंपा जाएगा। साथ ही इसकी जिम्मेदारियों में स्थानीय नागरिकों की रक्षा, राहत-सामग्री का वितरण और बुनियादी सुविधाओं की मरम्मत व निर्माण शामिल होंगे।

एक अहम पहलू यह है कि इस फोर्स को वहां मौजूद हथियारों को निष्क्रिय या वापस लेने का कार्य भी सौंपा जाएगा। खासकर उन हथियारों का जो हमास के पास बताए जा रहे हैं। रिपोर्टों के मुताबिक इज़राइल ने भी इस प्रकार की फोर्स की स्थापना पर सहमति दी है और प्रस्ताव में यह बातें इस तरह से दर्ज हैं कि पड़ोसी देशों के हितों का भी ख्याल रखा जाएगा। इसका आशय साफ है कि इज़राइल की सुरक्षा चिंताओं और सलाह को ध्यान में रखते हुए ही व्यवस्था बनाई जा रही है।

फिलहाल जोर इस बात पर है कि किसी भी तरह से हमास के हथियारों को बेअसर किया जाए। सीज़फ़ायर के शर्तों में भी यह शामिल था कि हमास हथियार छोड़ दे तो ही स्थायी शांति को बरकरार रखा जाएगा। हालाँकि फिलहाल तक हमास के द्वारा हथियार छोड़ने की कोई स्पष्ट सहमति नहीं आई है, और इसी मुद्दे पर आगे भी टकराव के संकेत बने हुए हैं।