‘जय श्री राम’ नारे से चिढ़ीं ममता बनर्जी, अब PM मोदी संग मंच साझा करने को राजी नहीं
नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती के मौके पर 'जय श्री राम' नारे से पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ऐसी चिढ़ीं है कि वह अब पीएम मोदी संग मंच साझा करने को राजी नहीं हैं।
नयी दिल्ली। नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती के मौके पर ‘जय श्री राम’ नारे से पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ऐसी चिढ़ीं है कि वह अब पीएम मोदी संग मंच साझा करने को राजी नहीं हैं। दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बार फिर से रविवार को यानि की आज पश्चिम बंगाल और असम के दौरे पर रहेंगे। पीएम नरेंद्र मोदी दोपहर में हल्दिया पहुंचेंगे। यहां वह एक सरकारी कार्यक्रम में शिरकत करने वाले हैं लेकिन उनके इस कार्यक्रम में बंगाल की सीएम ममता ने दूरी बना ली है। वह सरकारी कार्यक्रम में मौजूद नहीं रहेंगी।
ममता के कार्यालय ने साफ कर दिया, मुख्यमंत्री नहीं आएंगी
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पीएम मोदी के कार्यक्रम के लिए ममता बनर्जी को भी न्योता दिया गया था लेकिन ममता के कार्यालय ने यह साफ कर दिया है कि मुख्यमंत्री इस कार्यक्रम में नहीं रहेंगी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ममता के ऑफिस ने पीएमओ को यह सूचना दे दी है कि वह इस कार्यक्रम में नहीं आएंगी।
पार्टी कार्यकर्ताओं को भी कार्यक्रम में शामिल नहीं होने का निर्देश
प्रधानमंत्री हल्दिया में तेल, गैस और अवसंरचना क्षेत्र की चार परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे। राज्य सचिवालय कके एक शार्ष अधिकारी ने कहा, ‘प्रधानमंत्री हल्दिया में आज शाम जिस कार्यक्रम में इन परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे, उसमें मैडम (बनर्जी) के शामिल होने की उम्मीद नहीं है। उन्होंने बताया कि तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने पार्टी कार्यकर्ताओं को भी कार्यक्रम में शामिल नहीं होने का निर्देश दिया है। राजभवन के सूत्रों ने बताया कि राज्यपाल जगदीप धनखड़ रविवार के कार्यक्रम में शामिल होंगे।
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, 23 जनवरी को नेताजी की 125वीं जयंती के मौके पर पीएम नरेंद्र मोदी विक्टोरिया मेमोरियल में एक कार्यक्रम में पहुंचे थे। यहां ममता भी थीं। कार्यक्रम में ममता ने करीब 1 मिनट ही भाषण दिया कि इतने में ‘जय श्री राम’ के नारे लगने लगे जिससे ममता बनर्जी नाराज हो गईं। ममता का गुस्सा इतना बढ़ गया कि उन्होंने कार्यक्रम में आगे बोलने से ही इनकार कर दिया था।
इस दौरान ममता ने कहा कि सरकारी कार्यक्रम को राजनीतिक कार्यक्रम बना दिया गया। किसी का अपमान करना ठीक नहीं हैं। उन्होंने कहा कि सरकार के कार्यक्रम की गरिमा होनी चाहिए। आखिर में ममता ‘जय हिंद-जय बांग्ला’ बोलकर माइक के सामने से हट गई थीं।