

बता दें कि सतना जिले के ग्राम पडिया निवासी धीरेन्द्र त्रिपाठी सीआरपीएफ में पदस्थ थे। गत सोमवार को जम्मू कश्मीर में आतंकी हमले में वे शहीद हो गए थे। बुधवार सुबह उनकी पार्थिव देह सेना के जवानों द्वारा पैतृक गांव लायी गयी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बुधवार को अनेक जनप्रतिनिधियों के साथ गांव पड़िया पहुंचे और शहीद धीरेन्द्र त्रिपाठी को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने पार्थिव शरीर एवं पुष्प-चक्र अर्पित किये।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वर्गीय धीरेन्द्र जी ने भारत माता की सीमाओं की रक्षा करते हुए अपना जीवन बलिदान कर दिया। ऐसे अमर शहीद के चरणों में मध्यप्रदेश के समस्त नागरिकों की ओर से श्रद्धा-सुमन अर्पित करता हूँ। उन्होंने कहा कि भारत माता के सच्चे सपूत शहीद स्व. त्रिपाठी के परिवार को श्रद्धानिधि एक करोड़ रुपये प्रदान की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि शहीद स्व. त्रिपाठी को वापस तो नहीं लाया जा सकता लेकिन राज्य शासन शहीद परिवार के साथ खड़ा है। स्व. त्रिपाठी की पत्नी अथवा परिवार की इच्छानुसार किसी एक परिजन को शासकीय सेवा प्रदान की जाएगी। विद्यालय अथवा किसी संस्थान का नाम शहीद स्व. त्रिपाठी के नाम पर किया जाएगा।
शहीद की प्रतिमा स्थापना
मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्राम के शासकीय विद्यालय अथवा शहीद के परिवार और स्थानीय जनप्रतिनिधियों के परामर्श से निर्धारित किए गए स्थान पर शहीद स्व. धीरेन्द्र त्रिपाठी की प्रतिमा स्थापित की जाएगी ताकि आने वाली पीढ़ी इस शहीद की शहादत से प्रेरणा ले सके और साहस तथा राष्ट्रप्रेम के विचार को और सशक्त बनाया जा सके।
शहादत की यह घटना दो दिवस पहले की है। जब सीआरपीएफ की 110वीं बटालियन लेथपुरा पुलवामा में पदस्थ धीरेन्द्र त्रिपाठी, शाम करीब 5 बजे ऑपरेशनल ड्यूटी के दौरान मोर्चे पर डटे थे। उसी समय आतंकवादियों द्वारा किये गए कायराना हमले में भारतीय सेना के जवान गंभीर रूप से घायल हुए। धीरेन्द्र त्रिपाठी इस हमले में वीरगति को प्राप्त हुए। यह हमला उस समय किया गया जब जवान अपनी ड्यूटी सफलतापूर्वक समाप्त कर वापस कैम्प के लिए आ रहे थे। हमले में त्रिपाठी के अलावा उत्तरप्रदेश के रायबरेली केशैलेन्द्र प्रताप सिंह भी शहीद हुए। इस घटना में तीन अन्य जवान गंभीर रूप से घायल हुए हैं।
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