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चुनाव को देखते हुए बीजेपी का केंद्रीय नेतृत्व निरंतर अपनी सियासी चाल चलने में लगा है। पहली लिस्ट को लेकर जिस तरह बवाल उठा, उसी तरह अब संकेत मिल रहे हैं कि बीजेपी अपनी दूसरी सूची में भी कई नेताओं के नामों में कटौती कर सकती है। यूं कह सकते हैं कि कईयों के नाम हैं जो दावेदारी में उनके काटे जा सकते हैं।

जयपुर शहर की अगर बात करें जयपुर शहर में छह और जयपुर ग्रामीण में आठ नए चेहरे उतारे जा सकते हैं। हालांकि जिस तरह पहली लिस्ट में विवाद उठा था उसके बाद यूं कहें कि दूसरी लिस्ट में भी विवाद ज्यादा साफ तौर पर देखने को मिलेगा। हालांकि विवाद कम करने को लेकर बीजेपी मंथन तो करने में लगी है, मगर दावेदार जिस तरह मैदान में अपना दमखम दिखाने में लगे हैं, निरंतर बीजेपी से टिकट मांगने में लगे हैं।

भाजपा के कार्यकर्ताओं का साफ तौर पर कहना है कि हम पार्टी के लिए निरंतर सालों से काम करते आ रहे हैं, लेकिन सरकार की योजनाओं को धरातल पर लगाने की जिम्मेदारी हमने बखूबी निभाई है। लेकिन इसने जिस तरह विधानसभा चुनाव को लेकर दावेदार निरंतर प्रदेश कार्यालय में एकजुट होते नजर आ रहे हैं। पार्टी के पदाधिकारियों से टिकट भी मांगी जा रही है। लेकिन इस बार यूं कहें कि टिकट वितरण में केंद्रीय नेतृत्व की चल रही है। प्रदेश के पदाधिकारियों से सुध नहीं ली जा रही है।

चरम पहुंच गई बगावत

प्रदेश पदाधिकारियों से चर्चा तक नहीं की जा रही है। पहले माना जा रहा था कि कहीं न कहीं प्रदेश पदाधिकारियों से रिपोर्ट कार्ड मांगा जाएगा। प्रदेश के अलग अलग विधानसभा क्षेत्रों का रिपोर्ट कार्ड मांगते हुए निर्णय लिया जाएगा। लेकिन केंद्र सरकार यूं कहें कि केंद्र नेता तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह ने अपने स्तर पर ही सर्वे करवाया। उसके बाद पहली लिस्ट निकाली, लेकिन बगावत और चरम पर पहुंच गई।

 

 

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