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Medical Education: हिंदी दिवस के मौके पर राजस्थान और छत्तीसगढ़ की सरकारों ने भावी स्वास्थ्य पेशेवरों के लिए एक बड़ा फैसला लिया है। मध्य प्रदेश, बिहार, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के बाद अब दोनों राज्य सरकारों ने घोषणा की है कि मौजूदा शैक्षणिक सत्र 2024-25 से राज्य में एमबीबीएस की पढ़ाई हिंदी में होगी। केंद्र सरकार द्वारा हिंदी भाषा को दिए जा रहे विशेष महत्व को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है।

राजस्थान के दो मेडिकल कॉलेजों में शुरू होगी भाषायी पाठ्यक्रम की पढ़ाई

राजस्थान सरकार ने चरणबद्ध तरीके से इस भाषा को लागू करने का फैसला किया है, जिसके तहत राज्य के दो मेडिकल कॉलेज इस साल के शैक्षणिक सत्र से इस बदलाव को अपनाएंगे। इन कॉलेजों के नाम हैं जोधपुर का सम्पूर्णानंद मेडिकल कॉलेज और मारवाड़ मेडिकल यूनिवर्सिटी से संबद्ध बाड़मेर का मेडिकल कॉलेज।

छत्तीसगढ़ में इस वर्ष हिंदी में एमबीबीएस की पढ़ाई होगी लागू

छत्तीसगढ़ ने यह भी घोषणा की है कि नए बदलावों का क्रियान्वयन 2024-25 सत्र के पहले वर्ष से किया जाएगा। यह निर्णय उन छात्रों को लाभ प्रदान करने के लिए लिया गया है जो ज्यादातर हिंदी माध्यम के स्कूलों से आते हैं और भाषा की बाधा के कारण मेडिकल पाठ्यक्रमों में कठिनाइयों का सामना करते हैं।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा, 'हिंदी में पढ़ाई करने से उनकी बुनियादी शिक्षा मजबूत होगी, विषय की गहरी समझ विकसित होगी और वे बेहतर डॉक्टर बन सकेंगे।'

भाषा एक विकल्प होगी

मेडिकल की पढ़ाई के इच्छुक छात्रों को अपनी पसंदीदा भाषा चुनने का विकल्प मिलेगा। मेडिकल शिक्षा में हिंदी को शामिल करने का प्रस्ताव भी राज्य के बजट का हिस्सा था।

मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के लिए हिंदी में एमबीबीएस पाठ्यक्रमों की घोषणा पिछले साल की गई थी। यह केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा अक्टूबर 2022 में हिंदी एमबीबीएस पाठ्यक्रम पुस्तकों का अनावरण करने के बाद हुआ, जो हिंदी में प्रकाशित होने वाली पहली थीं।

बिहार सरकार ने जुलाई में यह भी कहा था कि हिंदी भाषा में बैचलर ऑफ मेडिसिन और बैचलर ऑफ सर्जरी (एमबीबीएस) कार्यक्रम उपलब्ध होंगे। 2 जुलाई को राज्य के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने घोषणा की कि अगले सत्र से छात्र हिंदी में एमबीबीएस की पढ़ाई कर सकेंगे।

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