_1319106676.png)
बीकानेर शहर में एक ढाई साल की मासूम बच्ची हैजल खत्री की मौत ने प्रदेश की चिकित्सा व्यवस्था पर गहरे सवाल खड़े कर दिए हैं। परिजनों ने इलाज में लापरवाही और झूठी जानकारी देने के गंभीर आरोप बीकानेर और जयपुर के तीन डॉक्टरों पर लगाए हैं। बीकानेर के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. गौरव गोंबर, जयपुर के डॉ. अंकित मंगला और डॉ. प्रियंका मित्तल के विरुद्ध बीकानेर के सदर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है।
मृत बच्ची के पिता जगदीशचंद्र खत्री ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि हैजल का जन्म 13 सितंबर 2022 को पीबीएम अस्पताल में हुआ था। जन्म के समय वह पूरी तरह स्वस्थ थी और मां-बेटी को तीन दिन में अस्पताल से छुट्टी भी दे दी गई थी। गर्भावस्था के दौरान की गई सोनोग्राफी में एक किडनी का न दिखना सामने आया था, मगर डॉक्टरों ने इसे सामान्य मानते हुए कोई गंभीरता नहीं दिखाई।
सितंबर 2024 में जब हैजल को बुखार हुआ, तो परिजन उसे डॉ. गौरव गोंबर के पास लेकर गए। डॉ. गोंबर ने बच्ची को जयपुर से आए डॉ. अंकित मंगला को दिखाने की सलाह दी और फिर जयपुर के लिए रैफर कर दिया गया, जहां डॉ. प्रियंका मित्तल ने उसका इलाज किया। परिजनों का आरोप है कि तीनों डॉक्टरों ने इलाज में घोर लापरवाही बरती, जिससे बच्ची की जान चली गई।
सबसे गंभीर आरोप यह है कि डॉ. गोंबर ने आर्थिक लाभ के लिए बच्ची को ऐसे डॉक्टरों के पास भेजा, जिनकी विशेषज्ञता इस प्रकार के मामले से मेल नहीं खाती थी। परिजनों का कहना है कि जानबूझकर गलत निर्णय लिए गए और जांच समिति के समक्ष भी झूठी जानकारी प्रस्तुत कर सच्चाई को दबाया गया।
पुलिस ने शिकायत के आधार पर डॉ. गोंबर, डॉ. मंगला और डॉ. मित्तल के विरुद्ध मामला दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी है। बच्ची के पिता ने प्रशासन से दोषियों को सख्त सजा देने की मांग की है, ताकि भविष्य में किसी और मासूम की जान इस तरह की लापरवाही की भेंट न चढ़े।
--Advertisement--