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पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है। भारतीय सेना ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पाकिस्तान में नौ आतंकवादी शिविरों पर हमला किया। इसके बाद पाकिस्तान ने भी सीमा पर गोलीबारी शुरू कर दी। भारतीय सेना ने इस गोलीबारी का जवाब दिया। इस बीच, यह बात सामने आई कि इस अवधि में भारत पर 1.5 मिलियन साइबर हमले किए गए।

भारत की मजबूत साइबर सुरक्षा प्रणाली द्वारा इन साइबर हमलों को विफल कर दिया गया। केवल 150 साइबर हमले ही रोके नहीं जा सके। ये हमले पाकिस्तान, बांग्लादेश, इंडोनेशिया, मोरक्को और पश्चिम एशिया से किये गये। भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य युद्ध विराम के बावजूद, पाकिस्तान के हैकर्स भारत सरकार की वेबसाइटों को निशाना बना रहे हैं।

बांग्लादेश और पश्चिम एशिया से भी साइबर हमले हुए। महाराष्ट्र साइबर अफसरों ने सोमवार को यह जानकारी दी। अफसरों ने इस दावे को खारिज कर दिया।

महाराष्ट्र साइबर कार्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने उन दावों को खारिज कर दिया है कि हैकरों ने मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से डेटा चुराया, विमानन और नगरपालिका प्रणालियों में घुसपैठ की और चुनाव आयोग की वेबसाइट को निशाना बनाया।

महाराष्ट्र साइबर कार्यालय राज्य सरकार के अधीन एक नोडल कार्यालय है। यह साइबर अपराध की जांच और सुरक्षा के लिए जिम्मेदार है। अफसरों ने कहा, "भारत-पाकिस्तान युद्धविराम के बाद भारत में साइबर हमले कम हुए हैं, मगर पूरी तरह बंद नहीं हुए हैं।"

ये हमले पाकिस्तान, बांग्लादेश, इंडोनेशिया, मोरक्को और पश्चिम एशियाई देशों से जारी हैं। महाराष्ट्र साइबर कार्यालय ने इंटरनेट मीडिया पर फर्जी सूचनाओं के खिलाफ अभियान शुरू किया है और 83 फर्जी समाचार पोस्ट में से 38 को हटा दिया है।

ऑनलाइन धोखाधड़ी के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए हेल्पलाइन शुरू की गई हैं। नागरिक तत्काल सहायता के लिए 1945 और 1930 डायल कर सकते हैं। - कॉल प्राप्त होने के बाद, विश्लेषक कॉल करने वाले से संपर्क करता है। लगभग 100 फोन लाइनें एक साथ काम कर रही हैं। - 1930 और 1945 दोनों नंबरों पर प्रतिदिन सात हजार कॉल आती हैं। साइबर जालसाजों के खिलाफ समय पर कार्रवाई करके 2019 से अब तक 600 करोड़ रुपये बचाए गए हैं। पिछले छह महीनों में 200 करोड़ रुपये बचाए गए हैं।

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