नई दिल्ली। पोत परिवहन मंत्रालय का नाम गुरुवार को बदल कर पत्तन, पोत परिवहन व जलमार्ग मंत्रालय कर दिया गया। इस मौके पर पत्तन, पोत परिवहन व जलमार्ग (स्वतंत्र प्रभार) मंत्री मनसुख मांडविया ने पूजा, मंत्रोच्चारण के साथ मंत्रालय की नामपट्टी का अनावरण किया।
इस मौके पर मनसुख मांडविया ने कहा कि गुजरात में रोपैक्स के उद्घाटन के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नए नाम की घोषणा की थी। उसके तीन दिन बाद ही इस संबंध में गजट नोटिफिकेशन जारी कर मंत्रालय का नाम बदल दिया गया है। नाम बदलने के पीछे कारणों के बारे में मनसुख मांडविया ने बताया कि नदियों व जल मार्ग में बहुत संभावनाएं हैं। मेरीटाइम के क्षेत्र में पीएम मोदी ने भी जोर देते हुए इसे विकसित करने पर बल दिया है। इसी वजह से इस मंत्रालय का नाम बदल कर इसके काम पर और फोकस किया जायेगा।
उन्होंने कहा कि विदेश में लॉजिस्टिक पर सिर्फ 9 प्रतिशत खर्च आता है जबकि भारत में यह खर्च 14 फीसदी है। इसलिए देश में तेजी से जलमार्ग विकसित किए जा रहे हैं ताकि लॉजिस्टिक खर्च को आधा किया जा सके। मनसुख मांडविया ने बताया कि देश में अब तक 4000 किलोमीटर का जलमार्ग तैयार किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में 1000 किलोमीटर का जलमार्ग चिन्हित किया है, जिस पर काम शुरू कर दिया गया है।
सूरत से सौराष्ट्र तक शुरू हुए रोपैक्स सेवा के बारे में बताते हुए पत्तन, पोत व जलमार्ग मंत्री ने कहा कि इस नई सेवा से दो बड़े बंदरगाह जोड़े गए हैं जिससे 400 किलोमीटर की दूरी अब सिर्फ 90 किलोमीटर रह गई है। उन्होंने कहा कि देश में 240 बंदरगाह हैं जिसमें से 64 बंदरगाह काम कर रहे हैं। इनके अलावा कई बंदरगाहों को चिन्हित किया जा रहा है।