RBI की मौद्रिक नीति समिति की तीन दिवसीय बैठक 6 से 8 फरवरी तक आयोजित की गई थी। इसके बाद रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने गुरुवार को इस बैठक के फैसलों की जानकारी दी। इस समय रेपो रेट को यथावत रखने का फैसला किया गया। निरंतर छठी बार रेपो रेट को अपरिवर्तित रखने का निर्णय लिया गया। रेपो रेट 6.50 फीसदी पर बरकरार रखा गया है। इसलिए कर्जदारों की EMI कम से कम तुरंत नहीं घटेगी। इसके लिए थोड़ा और इंतजार करना होगा।
गुरुवार को रिजर्व बैंक की क्रेडिट पॉलिसी कमेटी की मीटिंग हुई। इसके बाद दास ने इस बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी दी। इस बीच इस बार महंगाई दर को 4 फीसदी तक लाने का लक्ष्य है। दास ने कहा कि वित्त वर्ष 2025 में अर्थव्यवस्था स्थिर रहेगी। इस बीच दास ने 2024 में महंगाई में और कमी आने की संभावना जताई। वहीं, अब ब्याज दर में कटौती इस साल की दूसरी छमाही में होने की चर्चा है। इस क्रेडिट पॉलिसी में ब्याज कटौती संभव नहीं है। इससे पहले विशेषज्ञों ने कहा था कि इसकी मुख्य वजह विदेशी व्यापार में बाधाएं हैं।
कटौती के लिए कब तक इंतजार करना होगा?
एसबीआई रिसर्च द्वारा जारी 'इकोरैप' नामक रिपोर्ट के मुताबिक, जून 2024 में रिजर्व बैंक द्वारा नीतिगत ब्याज दर में कटौती की जा सकती है। ब्याज दरों में कटौती के लिए अगस्त 2024 सबसे आदर्श समय प्रतीत होता है।
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