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mysterious temple: पहाड़ी राज्य हिमाचल में अनेक पुराने मंदिर हैं, जिनकी कथाएं और स्थानीय मान्यताएं किसी को भी चकित कर देती हैं। कांगड़ा जिले में स्थित एक ऐसा मंदिर है, जो साल के आठ महीने पानी में डूबा रहता है। ये स्थिति पोंग बांध के कारण होती है, जिसका जलस्तर निरंतर बदलता रहता है। इन जल में डूबे मंदिरों को बाथू मंदिर के नाम से जाना जाता है और स्थानीय लोग इसे 'बाथू की लड़ी' के नाम से पुकारते हैं।

ये मंदिर 1970 के दशक में बांध के पानी में डूब गए थे। गर्मियों में केवल चार महीनों के लिए जब बांध का जलस्तर कम होता है, तब ही ये मंदिर पहुंचने योग्य होते हैं। बाकी के आठ महीने ये पानी में डूबे रहते हैं, और वहां पहुँचने के लिए केवल नाव का सहारा लेना पड़ता है।

जानकारी के मुताबिक, इस मंदिर का निर्माण पांडवों ने अपने अज्ञातवास के दौरान किया था और यहां शिवलिंग की स्थापना की थी। उन्होंने इस मंदिर के माध्यम से पृथ्वी से स्वर्ग तक जाने के लिए सीढ़ियों का निर्माण किया, जो केवल ढाई सीढ़ियों तक ही अधूरी रह गई। वर्तमान में इन मंदिरों को देखने के लिए हर साल हजारों पर्यटक यहां आते हैं।

मंदिर के पास एक पत्थर भी है, जिसे लेकर मान्यता है कि यह पत्थर भीम द्वारा फेंका गया था। इस पत्थर पर कंकड़ मारने पर खून निकलता है, जिससे यह स्थान और भी रहस्यमय बन जाता है।
 

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