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इजराइल और हमास के बीच बहुत वक्त से युद्ध चल रहा है। युद्ध के दौरान अमेरिका समेत 6 मुल्कों ने संयुक्त राष्ट्र एजेंसी यूएनआरडब्ल्यू को फंड देना बंद कर दिया था। इज़राइल ने 7 अक्टूबर के हमले में यूएनआरडब्ल्यूए के 12 स्टाफ सदस्यों पर हमास लड़ाकों के साथ शामिल होने का इल्जाम लगाया। इसके बाद जापान ने भी UNRWA को फंडिंग रोकने का निर्णय लिया है। जापान के इस फैसले को फिलिस्तीन के लिए करारा झटका माना जा रहा है।

कई देश शरणार्थियों के लिए यूएनआरडब्ल्यूए को वित्त पोषण कर रहे थे, ये देखते हुए कि इज़राइल और हमास के बीच युद्ध में हर दिन कई लोगों की जान जा रही थी। मगर इज़रायल ने हमास पर 7 अक्टूबर को 12 यूएनआरडब्ल्यूए कर्मचारियों पर हुए हमले में शामिल होने का इल्जाम लगाया है। तब से, संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्रिटेन, नीदरलैंड, स्विट्जरलैंड, फिनलैंड, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी और इटली ने घोषणा की है कि वे यूएनआरडब्ल्यूए को फंड नहीं देंगे।

जानें जापान ने क्या कहा

इस मुद्दे पर, जापान ने कहा कि वह इजरायल के इल्जामों के बाद फिलिस्तीन शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र एजेंसी को फंडिंग रोकने में अन्य देशों के साथ शामिल हो रहा है। एजेंसी ने इज़राइल के इल्जामों पर कई कर्मचारियों को निकाल दिया है और दावों की गहन जांच का वादा किया है। युद्ध के बाद इजराइल ने गाजा में एजेंसी का काम रोकने की पहल की। जापानी अफसरों का कहना है कि यूएनआरडब्ल्यूए स्टाफ सदस्य कथित तौर पर पिछले साल 7 अक्टूबर को इज़राइल पर हमले में शामिल थे।

जापान के विदेश मंत्रालय के एक बयान में कहा गया है कि मामले की जांच की जा रही है और इल्जामों को सुलझाने के उपायों पर विचार किया जा रहा है।

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