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Up Kiran, Digital Desk: अक्सर हम छोटी-छोटी बातों को नजरअंदाज कर देते हैं, लेकिन कभी-कभी यही छोटी बातें बड़े विवाद का रूप ले लेती हैं। उत्तर प्रदेश के बिजनौर से एक ऐसा ही मामला सामने आया है, जिसने पूरे इलाके में हलचल मचा दी है। एक सरकारी स्कूल में हिंदी की जगह उर्दू में स्कूल का नाम लिखवाया गया, और फिर शिक्षकों ने इसके सामने खड़े होकर फोटो खिंचवाई, जिसे सोशल मीडिया पर शेयर कर दिया गया। अब इस पर बवाल खड़ा हो गया है। आखिर क्या है पूरा मामला, चलिए जानते हैं!

तस्वीरें हुईं वायरल, शिकायतें पहुंचीं BSA तक

बिजनौर के विकासखंड नजीबाबाद के साहनपुर द्वितीय, प्राथमिक स्कूल विजयपुर की बात है। यहां स्कूल के नाम को पहले उर्दू में पेंट करवाया गया और फिर स्कूल के नाम के आगे खड़े होकर शिक्षकों ने अपनी फोटो खिंचवाई। ये तस्वीरें तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो गईं। जैसे ही लोगों ने देखा कि सरकारी स्कूल का नाम हिंदी की जगह उर्दू में लिखा गया है, तो उन्होंने तुरंत आपत्ति जताई। शिकायतें बिजनौर के बेसिक शिक्षा अधिकारी (BSA) तक पहुंचीं, जिसके बाद जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने तुरंत जांच के आदेश दिए हैं।

चार मुस्लिम शिक्षक और एक बाहरी 'अतिथि'

इस स्कूल में कुल चार शिक्षक हैं - रफत खान, अब्दुल रशीद, गुलिस्ता जहां और हलीमा बानो। खास बात ये है कि ये चारों ही मुस्लिम समुदाय से हैं। प्रिंसिपल रफत खान पर आरोप है कि उन्होंने ही स्कूल का नाम उर्दू में लिखवाया और फिर उसके सामने खड़े होकर फोटो खिंचवाई।

लेकिन इस वायरल फोटो में एक और चेहरा भी नजर आ रहा है – शिक्षक मुदस्सिर का। बताया जा रहा है कि मुदस्सिर इस स्कूल में नियुक्त नहीं हैं, लेकिन फिर भी वह फोटो में दिख रहे हैं। मुदस्सिर को लेकर यह भी चर्चा है कि वह अक्सर अपनी मजहबी कट्टरपंथी विचारधारा के चलते विवादों में रहते हैं और पहले भी कट्टरपंथी पोस्ट वायरल कर चुके हैं। ऐसे में उनकी मौजूदगी भी कई सवाल खड़े कर रही है।

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