Up kiran,Digital Desk : बिहार चुनाव के बाद आज से 18वीं विधानसभा के पहले सत्र की शुरुआत हो गई है, और इस बार सदन का माहौल और अंदाज़ दोनों ही बदला-बदला सा है। आज पहले दिन चुनाव जीतकर आए सभी 243 विधायक शपथ ले रहे हैं। किसी ने शपथ लेने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पैर छुए तो किसी ने सदन की सीढ़ियों पर माथा टेका। लेकिन इस बार का सबसे बड़ा बदलाव सियासत का नहीं, बल्कि टेक्नोलॉजी का है। बिहार विधानसभा अब पूरी तरह से हाईटेक और पेपरलेस हो गई है।
अब कागज़ नहीं, टैबलेट से चलेगी विधानसभा
जी हाँ, यह बिहार विधानसभा के इतिहास में पहली बार हो रहा है। अब विधायकों को मोटे-मोटे कागज़ के बंडल नहीं मिलेंगे। सवाल पूछने से लेकर, मंत्री का जवाब पाने तक, और भाषण देने से लेकर बाकी सभी काम अब डिजिटल तरीके से एक टैबलेट पर होंगे। सभी विधायकों की सीट पर टैबलेट लगा दिए गए हैं। विधानसभा अध्यक्ष भी अब टैबलेट से ही पूरे सदन को चलाएंगे।
इस बार की विधानसभा पहले से कितनी अलग है?
- सरकार 'सुपर स्ट्रॉन्ग': चुनाव में एनडीए (NDA) गठबंधन को ज़बरदस्त बहुमत मिला है और उनके 202 विधायकों ने जीत हासिल की है।
- विपक्ष पड़ा 'कमज़ोर': वहीं, महागठबंधन (विपक्ष) के सिर्फ 35 विधायक ही सदन पहुँच पाए हैं।
भले ही विपक्ष संख्या में बहुत कमज़ोर है, लेकिन नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने साफ कर दिया है कि वे चुप नहीं बैठेंगे। उन्होंने अपनी पार्टी के नेताओं के साथ बैठक करके यह तय किया है कि वे बढ़ते अपराध और रोज़गार जैसे मुद्दों पर सरकार को घेरने की पूरी कोशिश करेंगे।
अगले 5 दिन क्या-क्या होगा?
- 1 दिसंबर: सभी विधायक शपथ लेंगे।
- 2 दिसंबर: विधानसभा के नए अध्यक्ष (स्पीकर) का चुनाव होगा।
- 3 दिसंबर: राज्यपाल सदन में अपना भाषण देंगे।
- 4 दिसंबर: सरकार सदन में अपना बहुमत साबित करेगी (फ्लोर टेस्ट)।
- 5 दिसंबर: सरकार वित्तीय मामलों से जुड़ा बिल पेश करेगी।
कुल मिलाकर, बिहार की यह नई विधानसभा नए चेहरों, नई टेक्नोलॉजी और नए सियासी समीकरणों के साथ एक नई शुरुआत कर रही है। अब देखना यह है कि यह 'पेपरलेस' विधानसभा बिहार के लोगों के लिए कितनी फायदेमंद साबित होती है।




