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Rajasthan News: राजस्थान में डेंगू और उससे संबंधित बीमारियों का खतरा तेजी से बढ़ता जा रहा है, और इसका सबसे अधिक प्रभाव बच्चों पर पड़ रहा है। राज्य के अस्पतालों में भर्ती होने वाले मरीजों में से 15% को गंभीर हालत में दाखिल किया जा रहा है। हाल के दो हफ्तों में 2200 से अधिक नए डेंगू मामले सामने आए हैं, जिससे पूरे सीजन में कुल केसों की संख्या 5301 तक पहुँच गई है। जयपुर के जेके लोन और जयपुरिया अस्पतालों के वार्ड पूरी तरह से भर चुके हैं, जहां 80% मरीज डेंगू और स्क्रब टाइफस से प्रभावित हैं।

डेंगू के गंभीर मामलों में वृद्धि

शिशु रोग विशेषज्ञ ने बताया कि ओपीडी में आने वाले बच्चों में तेज बुखार और डेंगू के लक्षण देखे जा रहे हैं। माता-पिता की लापरवाही के कारण कई बच्चे बुखार, पेट दर्द और उल्टियों के लक्षणों को इग्नोर कर रहे हैं, जिसके परिणामस्वरूप 15% बच्चों को अस्पताल में एडमिट करना पड़ रहा है। इसके चलते बच्चों के प्लेटलेट्स का स्तर खतरनाक रूप से गिर रहा है, कुछ मामलों में ये 20,000 से भी नीचे पहुँच चुका है। फिर भी, कई बच्चों का इलाज बिना एसडीपी चढ़ाए किया जा रहा है।

सतर्कता की जरुरत

डॉ. गर्ग ने चेतावनी दी है कि बच्चों में फिलहाल गंभीरता कम है, लेकिन सतर्क रहने की आवश्यकता है। कई बच्चों में उल्टी, पेटदर्द और ब्लीडिंग की समस्याएँ बढ़ रही हैं, जिससे डी-हाइड्रेशन के मामले भी सामने आ रहे हैं। दीपावली तक का समय इस बीमारी के लिए सबसे खतरनाक हो सकता है, क्योंकि इस अवधि में डेंगू और मलेरिया के मामलों में वृद्धि होती है।
 

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