लखनऊ ।। यूपी के मेरठ की एक मुस्लिम लड़की इन दिनों खूब चर्चा में हैं। दरअसल, इस लड़की ने कुछ दिन पहले 1 प्रोग्राम में कृष्ण वेश में गीता के श्लोक पढ़े थे। जिसके बाद से देवबंद उलेमा काफी नाराज हैं।
तो वहीं कड़ा एतराज जताते हुए देवबंद उलेमा ने कहा है कि इस्लाम इसकी इजाजत नहीं देता। आपको बता दें, लड़की को इसके कामों के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ सम्मानित भी कर चुके हैं।
30 December को लखनऊ में स्वराज के 101 वीं जयंती कार्यक्रम आयोजित किया गया था। जहां मेरठ की रहने वाली आलिया खान ने कृष्ण वेश में गीता के कुछ श्लोक पढ़े थे। जिसके बाद Online फतवा विभाग के चेयरमैन मुफ्ती अरशद फारुकी ने आलिया खान के इस तरह कार्यक्रम में भाग लेने पर कड़ी नाराजगी जताई।
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उन्होंने कहा कि किसी भी मुसलमान बच्ची या बच्चे के लिए किसी मजहब की ऐसी बातों या ऐसा रूप अख्तियार करना इस्लाम मुखालिफ है। ये शिर्क कहलाता है। इस्लाम में इसकी इजाजत नहीं है। अगर किसी तालिब इल्म (छात्रा) ने गीता के कुछ शब्द और श्लोक पढ़े, कृष्ण का रूप अख्तियार किया है और इसमें कहीं शिर्क जैसी बात है, तो इस्लाम इसकी इजाजत नहीं देता।
किसी स्कूल के लिए भी यह ठीक नहीं है कि ऐसे ड्रामों या प्रोग्राम में मुसलमान बच्चों को शामिल किया जाए, जो उनके मजहब के खिलाफ हो। तो वहीं देवबंद उलेमा के इस बयान को लेकर हिंदू धर्म के लोगों ने आपत्ति जताई है।
अखिल भारत हिंदू महासभा के जिलाअध्यक्ष अभिषेक अग्रवाल ने कहा कि एक मुस्लिम बच्ची अगर धार्मिक ग्रंथों का ज्ञान प्राप्त कर रही है, तो उस पर उलेमाओं को आपत्ति है। हमारे देश में कई बड़े मुस्लिम कलाकार हैं, वह हिंदू धर्म के भगवान का रोल अपने सीरियल और फिल्मों में करते हैं, उनके लिए तो ऐसे फतवे जारी नहीं होते।
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तो वहीं देवबंद उलेमा के एतराज जताने पर आलिया ने कहा कि मैंने सिर्फ एक कॉम्पिटीशन के तौर पर हिस्सा लिया था और श्लोक पढ़े थे। इससे मेरा धर्म इस्लाम नहीं बदला। मैं उनसे सिर्फ इतना कहना चाहती हूं, मैं मुसलमान थी, हूं और रहूंगी।