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दूरसंचार विभाग (DoT) फर्जी सिम कार्ड धोखाधड़ी को रोकने के लिए KYC प्रक्रिया में कुछ बदलाव करने पर विचार कर रहा है। रिपोर्ट्स के अनुसार, नए नियम एक आईडी पर जारी किए जाने वाले सिम कार्ड की संख्या मौजूदा नौ से घटाकर पांच कर सकते हैं और केवाईसी प्रक्रिया को पूरी तरह से डिजिटल बना सकते हैं। ऐसे में जल्द ही आप घर बैठे ऑनलाइन केवाईसी सेवा का लाभ उठा सकेंगे।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, नकली आईडी की घटनाओं को रोकने के लिए डिजिटल दस्तावेज़ सत्यापन (केवाईसी) को अनिवार्य बनाकर एक मजबूत केवाईसी प्रणाली स्थापित करने पर चर्चा चल रही है। मौजूदा समय में आधार आधारित ई-केवाईसी सेवा का उपयोग भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण द्वारा मोबाइल कनेक्शन छोड़ने की वैकल्पिक प्रक्रिया के रूप में किया जा रहा है। जिसमें यूआईडीएआई से फोटो के साथ ग्राहक जनसांख्यिकीय विवरण ग्राहक आवेदन में लाइसेंसधारी द्वारा स्वतः कब्जा कर लिया जाएगा।

जानें स्व-केवाईसी प्रक्रिया

ग्राहक को वैकल्पिक मोबाइल नंबर का उपयोग करके सेवा प्रदाता के ऐप/वेबसाइट/पोर्टल पर पंजीकरण करना होगा। इस पर परिवार के किसी सदस्य, किसी रिश्तेदार या किसी परिचित के मोबाइल नंबर का भी इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके बाद दिए गए मोबाइल नंबर पर एक ओटीपी भेजा जाएगा, जिसके बाद ग्राहक का सत्यापन किया जाएगा।

सत्यापन PoI/PoA दस्तावेज़ या लाइसेंस के माध्यम से DigiLocker/UIDAI से इलेक्ट्रॉनिक रूप से प्राप्त जनसांख्यिकीय विवरण का उपयोग किया जाएगा।

यदि आधार का उपयोग सत्यापन के लिए किया जाता है, तो आपसे एक घोषणा या आपकी सहमति मांगी जाएगी।

यूआईडीएआई/डिजिलॉकर से प्राप्त सभी फील्ड को लाइसेंसधारी द्वारा ग्राहक आवेदन पत्र (सीएएफ) में स्वचालित रूप से रजिस्ट्रेशन किया जा सकता है। सीएएफ में अन्य सभी आवश्यक फ़ील्ड ग्राहक द्वारा पोर्टल/ऐप/वेबसाइट पर भरे जाएंगे।

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