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Up Kiran, Digital Desk: बिहार की राजनीति में पिछले कुछ दिनों से जारी सियासी हलचल अब शांत होने वाली है. नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस (NDA) के सभी घटक दलों ने मिलकर एक बार फिर से नीतीश कुमार (Nitish Kumar) को अपने विधानमंडल दल का नेता चुन लिया है. इस बड़े फ़ैसले के साथ ही यह भी ऐलान हो गया है कि नीतीश कुमार एक बार फिर बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में कल शपथ ग्रहण (Oath Ceremony Tomorrow) करेंगे! यह खबर राज्य की राजनीति के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ है और अब सबकी निगाहें शपथ ग्रहण समारोह पर टिकी हैं.

क्या हुआ है इस चुनाव में और क्यों ये है ख़ास?

दरअसल, किसी भी गठबंधन में सरकार बनाने से पहले विधानमंडल दल का नेता चुना जाता है, जिसे सभी घटक दल स्वीकार करते हैं. बिहार में भारतीय जनता पार्टी (BJP), जनता दल यूनाइटेड (JDU), और अन्य सहयोगी दल मिलकर NDA गठबंधन का हिस्सा हैं. आज इन सभी दलों के विधायकों और नेताओं ने बैठक की, और सर्वसम्मति से नीतीश कुमार को अपना नेता चुन लिया. ये इस बात का संकेत है कि पूरे गठबंधन का उन पर पूरा भरोसा है.

नीतीश कुमार की लगातार चौथी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ

इस घोषणा का सीधा मतलब है कि नीतीश कुमार चौथी बार (लगातार) बिहार के मुख्यमंत्री बनेंगे. उनका लंबा राजनीतिक अनुभव और राज्य की प्रशासनिक समझ उन्हें इस पद के लिए एक स्वाभाविक विकल्प बनाती है. उनकी यह वापसी राज्य की जनता की उम्मीदों और आकांक्षाओं पर खरा उतरने की चुनौती लेकर आएगी.

आगे क्या है? (कल का कार्यक्रम)

शपथ ग्रहण समारोह आमतौर पर मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास पर या राजभवन में होता है. कल, मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के बाद, उम्मीद है कि नीतीश कुमार अपनी कैबिनेट का गठन करेंगे और मंत्रियों को विभागों का बंटवारा किया जाएगा. बिहार की जनता अब अपनी नई सरकार से राज्य के विकास, बेहतर कानून व्यवस्था और रोज़गार जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर त्वरित कार्रवाई की उम्मीद कर रही है.

यह फैसला बिहार की राजनीति में एक नए अध्याय की शुरुआत करेगा, जिसमें नीतीश कुमार एक बार फिर राज्य के विकास की बागडोर संभालेंगे. उम्मीद है, उनकी यह वापसी बिहार को प्रगति के पथ पर और तेज़ी से आगे ले जाएगी!