अब शुरू होगा भीषण युद्ध- इन देशों पर कभी भी हमला कर सकता है रूस!

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विवादित इलाके को लेकर लड़ाई युद्ध विराम समाप्त होने के बाद रविवार को छठे दिन भी जारी रही तथा आर्मीनिया (Armeniaa)ई एवं आजर बैजानी सैनिक ने एक दूसरे को नए हमलों के लिए कसूरवार ठहराया।

तो वहीं दूसरी ओर नागार्नो-काराबाख़ के विवादित क्षेत्र को लेकर आर्मीनिया (Armeniaa) के साथ युद्ध में उलझे अज़रबैजान के लिए तुर्की ने एक बार फिर अपना मज़’बूत समर्थन जताया है। बीत 1 नवंबर को तुर्की के विदेश मंत्री मेवलुत चोवुशुग्लू अज़रबैजान की राजधानी बाकू पहुंचे और उन्होंने अज़र बैजान के प्रेसिडेंट इल्हाम अलीयेव से भेंट की।

उन्होंने एक मर्तबा फिर इस मसले पर ज़ोर दिया कि आर्मीनिया (Armeniaa) तथा अज़रबैजान के मध्य जारी टकराव में तुर्की अपने सहयोगी अज़रबैजान के साथ मज़बूती से खड़ा है। उन्होंने साफ किया कि तुर्की बाकू में अपने अज़ेरी भाईयों के साथ खड़ा है।

आर्मीनिया (Armeniaa) के रूस से सम्भावित सुरक्षा मदद पर विचार-विमर्श के एक दिन उपरांत तुर्की के विदेश मंत्री अज़रबैजान पहुँचे हैं। इससे पहले अर्मीनिया के प्रधानमंत्री निकोल पाशिन्यान ने रूसी प्रेसिडेंट व्लादिमीर पुतिन को लेटर लिख कर नागोर्नो-काराबाख़ की लड़ाई में सहायता मांगी थी।

इसके जवाब में शनिवार को, रूस ने कहा कि अगर लड़ाई आर्मीनिया (Armeniaa) तक पहुँच जाती है, तो ऱशि्या एक रक्षा समझौते के अंतर्गत आर्मीनिया (Armeniaa) को हर आवश्यक सहायता देने के लिए तैयार रहेगा। अज़रबैजान के प्रेसिडेंट इल्हाम अलीयेव ने आर्मीनिया (Armeniaa)ई पीएम के लेटर को हार स्वीकार करना कहा है। बताया जा रहा है कि अज़रबैजान पर रूस हमला कर सकता है।

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