हिंदुस्तान के विरूद्ध वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर निरंतर नापाक हरकत करने वाले चीन (China) के संबंध अब अन्य देशों के साथ खत्म होने लगे हैं। कोविड-19 संकट को लेकर कई मुल्कों में उसके विरूद्ध नाराजगी है। ऐसे में ये देश उसके विरूद्ध खड़े हो रहे हैं।
हिंदुस्तान के अलावा भी चीन कई देशों के लिए परेशानी खड़ी कर रहा है। साउथ चीन सागर पर उसकी हरकतों से ऑस्ट्रेलिया और जापान भी परेशान हैं। अब ईयू और नाटो की तरह चीन के विरूद्ध भी एक मोर्चा बनाए जाने को लेकर आवाज उठ रही है।
इसी क्रम में हिंदुस्तान, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया द क्वाड्रिलेटरल सिक्योरिटी डायलॉग को चीन के विरूद्ध मजबूत हथियार मानकर इसे सशक्त करने की कोशिश कर रहे हैं। जापान के टोक्यो में इस गठबंधन को लेकर आगे की रणनीति पर चर्चा के लिए मंगलवार को इन देशों के प्रतिनिधि मिलेंगे।
इसके लिए हिंदुस्तानी विदेश मंत्री एस जयशंकर भी जापान पहुंच गए हैं। ये मुल्क उससे इसलिए नाराज हैं क्योंकि वह अपनी विस्तारवादी नीति को सिर्फ हिंदुस्तान के विरूद्ध ही नहीं, बल्कि अन्य देशों के विरूद्ध भी अपनाता है। सीमा विवाद की बात करें तो हिंदुस्तान के अलावा जापान के साथ भी चीन ऐसा ही कर रहा है।
लद्दाख में LAC पर बीते करीब 4-5 महीनों से हिंदुस्तान-चीन की सेनाएं तैनात हैं। दोनों देशों के सैनिकों में कई बार झड़पें भी हुई हैं। चीन का अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया के साथ ट्रेड वॉर चल रहा है। जापान के टोक्यों में होने वाली इस मीटिंग में 5G और 5G प्लस तकनीक पर सहयोग बढ़ाने पर चर्चा हो सकती है।