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बांग्लादेश की PM शेख हसीना ने 2009 के बाद से बांग्लादेश में हुए आम चुनावों में निरंतर चौथी बार जीत हासिल की है। देश की मुख्य विपक्षी पार्टी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी द्वारा चुनाव का बहिष्कार करने के बाद शेख हसीना की अवामी लीग ने दो-तिहाई से अधिक सीटें जीतीं। हसीना की अवामी लीग ने 300 सदस्यीय संसद में 204 सीटें जीतीं। 

गोपालगंज-3 से शेख हसीना ने 2 लाख 49 हजार 965 वोटों से जीत हासिल की है। उनके विरूद्ध लड़ने वाले निज़ामुद्दीन लश्कर को केवल 469 वोट मिले। इस इलेक्शन का एक अनोखा पहलू ये है कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समुदाय हिंदुओं ने शेख हसीना पर भरोसा जताया है। इसके अलावा अवामी लीग ने हिंदू मतदाताओं के दम पर 107 सीटें जीती हैं। इन निर्वाचन क्षेत्रों में कम मतदान के कारण हिंदू वोटरों का वोट निर्णायक रहा।

इलेक्शन का कई दलों ने बहिष्कार किया, जिसमें बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी, बांग्लादेश की पूर्व प्रधान मंत्री बेगम खालिदा जिया की पार्टी भी शामिल थी, जिन्होंने बांग्लादेश को एक इस्लामिक राष्ट्र बनाने की मांग की थी। इसलिए चुनाव में सिर्फ 40 % वोट पड़े। पिछली बार यह मतदान 80 % था। बांग्लादेश में हिंदू मतदाताओं का प्रतिशत 10 % है। इनमें से अधिकतर वोट अवामी लीग पार्टी को मिले। इसलिए 107 सीटों पर शेख हसीना के उम्मीदवारों की जीत पक्की हो गई।

सूत्रों ने कहा कि 107 निर्वाचन क्षेत्रों में से कई ऐसे थे जहां हिंदू मतदाता लगभग 20 से 40 प्रतिशत हैं। कुछ हिंदुओं ने कहा कि समुदाय के लोगों ने देश में हिंदू आबादी को जिस खतरे का सामना करना पड़ रहा है, उससे खुद को बचाने के लिए शेख हसीना की पार्टी को वोट दिया। एक समय बांग्लादेश में हिंदू जनसंख्या 22 % थी। लेकिन अब यह घटकर 8 % पर आ गया है। बांग्लादेश में हर दस साल में हिंदू आबादी एक % कम हो रही है।

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