डॉक्टरों ने मनुष्य के शरीर में सुअर की किडनी लगाने का एक नया सफल प्रयोग किया है। चौंकानी की बात ये भी है कि महीने भर पहले किया गया ट्रांसप्लांट अब भी काम कर रहा है। सुअर के किडनी को एक ब्रेन डेड मरीज में ट्रांसप्लांट किया गया। ट्रांसप्लांट से पहले सूअर की किडनी को जेनेटिक रूप से संशोधित भी किया गया।
सर्जन्स का कहना है कि ये किसी रिकॉर्ड से कम नहीं कि सुअर की किडनी किसी मनुष्यी शरीर में 32 दिनों के बाद भी अच्छी तरह से काम कर रही है। ये ट्रांसप्लांट उस नई रिसर्च का हिस्सा है जिसका उद्देश्य क्रॉस प्रजाति प्रत्यारोपण को आगे बढ़ाना और तकनीक का परीक्षण करना है। सिर्फ अमेरिका में 1,03,000 से ज्यादा लोग बॉडी ट्रांसप्लांट की प्रतीक्षा में लगे हुए हैं, जिनमें से 88,000 को किडनी की जरुरत है।
न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी लैंगडन ट्रांसप्लांट इंस्टीटयूट के निदेशक रॉबर्ट मोंटगोमरी ने बताया कि हमारे पास अनुवांशिक रूप से संपादित सुअर की किडनी एक इन्सान एक महीने से ज्यादा झेल रहा है। मुझे लगता है कि जीवित मनुष्यों पर कुछ प्रारंभिक अध्ययन शुरू करने के बारे में और ज्यादा काम किया जाना चाहिए।
आपको बता दें कि सभी प्रयोग दो या तीन दिनों तक चले हैं। जिस ब्रेनडेड मरीज में ट्रांसप्लांट किया गया है, उसकी दोनों किडनी निकाल दी गई। फिर एक सुअर की किडनी प्रत्यारोपित की गई। इसके तुरंत बाद मरीज में मूत्र का उत्पादन शुरू हो गया। निगरानी से पता चला कि मरीज में क्रिएटिनिन का स्तर एकदम उचित स्तर पर था और रिजेक्शन का कोई लक्षण देखने को नहीं मिला।
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