चुनाव नजदीक आने के साथ ही राजस्थान के सियासी समीकरण निरंतर बदलते जा रहे हैं। कांग्रेस भाजपा दोनों पार्टियां अब जीत के लिए रणनीति बनाने में जुट गई है। कांग्रेस की ओर से भी यह ऐलान कर दिया गया है कि राजस्थान में सचिन पायलट और अशोक गहलोत मिलकर आगामी विधानसभा चुनाव लड़ेंगे। इसके बाद से ही सियासी गलियारों में यह चर्चा हो रही है कि अब भाजपा किस तरह रणनीति बनाकर चुनाव को अपने पक्ष में लाने की कोशिश करेगी।
वहीं भाजपा की ओर से पहले ही यह साफ कर दिया गया है कि पार्टी पीएम मोदी के नेतृत्व में चुनाव लड़ेगी। लिहाजा निरंतर पीएम मोदी राजस्थान आकर कांग्रेस पर हमला बोल रहे हैं। वहीं केंद्र सरकार की उपलब्धियां गिनाकर वह गेंद को अपने पाले में करने में जुट गए हैं। अब सवाल यह है कि पीएम मोदी गहलोत पायलट की जोड़ी से कैसे निपटेंगे? कांग्रेस की ओर से एक जुटता का संदेश देने के बाद राजस्थान में राजनीतिक सरगर्मी बढ़ती जा रही है। वहीं अब भाजपा की रणनीति को लेकर भी खूब चर्चा हो रही है। बुधवार को पीएम मोदी राजस्थान पहुंच रहे हैं। वह अजमेर में जनता को संबोधित करेंगे।
बताया जा रहा है कि अजमेर में पीएम मोदी का फोकस गहलोत व पायलट पर ही रहेगा। पीएम यहां गहलोत पायलट की अदावत का मुद्दा उठाने के साथ इससे राजस्थान की जनता को हुए नुकसान की बात कर एक मैसेज देने की कोशिश करेंगे। पीएम मोदी एक तरफ कांग्रेस की कलह का मुद्दा उठाएंगे।
वहीं भाजपा का मजबूत पक्ष रखने के लिए कांग्रेस सरकार की उपलब्धियों का भी जनता के सामने बखान करेंगे। पीएम मोदी इस दौरान राजस्थान के डेवलपमेंट पर भी चर्चा करेंगे। केंद्र सरकार की ओर से राजस्थान में करवाए गए कामों का भी जिक्र होगा। साथ ही दिल्ली मुंबई एक्सप्रेसवे, वंदे भारत और राजस्थान में मेडिकल कॉलेजों की संख्या बढ़ने को लेकर भी बात हो सकती है। मगर भाजपा के इस मास्टर प्लान का राजस्थान की जनता पर कितना असर होगा, यह तो चुनाव के बाद ही पता चलेगा।
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