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कोविड-19 महामारी अभी पूरी तरह खत्म नहीं हुई है। अब भी दुनिया के कई देशों में कोरोना के अलग-अलग वेरिएंट के मरीज सामने आ रहे हैं। मगर कोरोना वायरस जैसी महामारी के बाद अब अन्य बीमारियां खासकर इन्फ्लूएंजा और इसके अलग-अलग वैरिएंट भी लोगों को प्रभावित कर रहे हैं।

मानसून के दौरान इन्फ्लुएंजा H3N2 के मामले बढ़ रहे हैं। इन्फ्लूएंजा ए उपप्रकार H3N2 के मामले भी हाल के दो वायरस से आगे निकल गए हैं। वे वायरस हैं H1N1 (स्वाइन फ़्लू) और SARS-CoV2। वहीं, देशभर में अब इन्फ्लूएंजा बी सबटाइप विक्टोरिया के केस सामने आ रहे हैं, जिससे इसके मामले बढ़ रहे हैं।

महाराष्ट्र में इन्फ्लूएंजा H3N2 के लिए परीक्षण किए गए नमूनों में से 95 प्रतिशत सकारात्मक आ रहे हैं, जो बहुत चिंता का विषय है। इससे लोगों में एक बार फिर डर का माहौल पैदा हो गया है।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, प्रयोगशालाओं और अस्पतालों से एकत्र किए गए आंकड़ों से पता चला है कि राज्य के अधिकांश अस्पतालों में भर्ती होने वालों में H3N2 सबसे आम तनाव था। शनिवार तक महाराष्ट्र के सरकारी अस्पतालों में फ्लू के करीब 100 मरीज भर्ती कराए गए।

डॉक्टरों का कहना है कि अब तक हुई मौतों की संख्या ज्यादा नहीं है। मगर मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। महाराष्ट्र में फ्लू का पॉजिटिव रेट जुलाई में 19% तक पहुंच गया, जो अप्रैल और मई में क्रमश: 6% था।

 

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