OMG: कभी पान के पत्ते और खिलौने बेचते थे, अपने अनोखे आइडिया से खड़ी की 2500 करोड़ की कंपनी

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किसी भी मुकाम को हासिल करने के लिए इंसान को कई तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। आर्थिक रूप से कमजोर व्यक्ति के लिए लक्ष्य को प्राप्त करना बहुत कठिन होता है। आज हम आपको प्रसिद्ध उद्योगपति निखिल प्रजापति गांधी के बारे में बताएंगे, उन्होंने अपने जीवन में संघर्ष किया और अपने लक्ष्य के मार्ग पर चलकर सफलता हासिल की।

निखिल प्रजापति गांधी का परिचय
निखिल प्रजापति गांधी देश के प्रसिद्ध उद्योगपतियों में से एक हैं। उन्होंने 80 के दशक में सिर्फ 20 साल की उम्र में वाणिज्य में स्नातक की उपाधि प्राप्त की। लेकिन उन्हें अपनी शिक्षा का उपयोग करने का अवसर नहीं मिला। उच्च शिक्षित होने के बावजूद किसी छोटे-मोटे काम के सिलसिले में उन्हें मुंबई से कोलकाता तक का सफर ट्रेन की अनारक्षित बोगी में काफी चहल-पहल के साथ पूरा करना पड़ा।

शुरू किया पान के पत्ते बेचने का काम
निखिल ने अपने जीवन यापन के लिए पान बेचना शुरू किया। वह ट्रेन के शौचालय के पास बैठकर 30 घंटे तक यात्रा करते थे, कोलकाता के प्रसिद्ध पान के पत्तों को खरीदने और बेचने के लिए पान के पत्तों पर पानी छिड़कते थे। निखिल ने कोलकाता में पान के पत्तों से होने वाले मुनाफे से खिलौनों का कारोबार भी शुरू किया, जिससे उन्हें 200 तक का मुनाफा हुआ। नयी नौकरी।

मेड इन इंडियन नेवी सप्लायर्स
करीब 3 दशक पहले मुंबई जाकर निखिल को पता चला कि भारतीय नौसेना सफाई के लिए एक कपड़ा और झाड़ू खरीदना चाहती है। निखिल को जैसे ही इस बात का पता चला, नेवी को कपड़े सप्लाई करने का आइडिया आया। निखिल के समय को ध्यान में रखते हुए उन्होंने पहली बार पोर्ट ट्रस्ट और भारतीय नौसेना को स्वच्छता के लिए 80,000 स्वदेशी झाड़ू और 1 लाख कपड़े की आपूर्ति कर अपने जीवन में सफलता प्राप्त की।

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