Up kiran,Digital Desk : झारखंड की राजनीति में आजकल चल क्या रहा है? मुख्यमंत्री दिल्ली से लौटे हैं, लेकिन एकदम चुप हैं। उधर, टीवी और अख़बारों में "नेतृत्व परिवर्तन" की अटकलों का बाज़ार गरम है। इस पूरी उलझन और फुसफुसाहट के बीच, आज कांग्रेस के सारे विधायक और मंत्री एक साथ बैठ रहे हैं।
वैसे तो कागज़ पर यह बैठक विधानसभा के आने वाले शीतकालीन सत्र की तैयारी के लिए है, लेकिन सब जानते हैं कि बंद दरवाज़ों के पीछे चर्चा सिर्फ़ सत्र की नहीं होगी। माहौल थोड़ा गरम है और विधायकों के मन में भी कई सवाल हैं।
आज की इस बैठक के तीन बड़े मुद्दे हैं:
- विधानसभा में क्या करना है? - सबसे पहली बात तो यह है कि जब विधानसभा शुरू होगी, तो विपक्ष (बीजेपी) के हमलों का जवाब कैसे देना है। इसके लिए पूरी रणनीति बनाई जाएगी।
- अपने काम कैसे गिनाने हैं? - सरकार ने जो काम किए हैं, उन्हें सदन में कैसे रखा जाए ताकि विपक्ष के शोर-शराबे में वह दब न जाए।
- सबसे बड़ा सवाल: आगे क्या होगा? - यह इस बैठक का सबसे अहम और अनकहा एजेंडा है। मुख्यमंत्री की चुप्पी और मीडिया में चल रही ख़बरों से विधायकों में भी एक बेचैनी है। हर कोई जानना चाहता है कि पार्टी का अगला क़दम क्या होगा? क्या सच में कोई बड़ा बदलाव होने वाला है?
उम्मीद है कि आज दोपहर जब यह बैठक ख़त्म होगी, तो इस सियासी धुंध से कुछ तो साफ़ होगा। यह बैठक सिर्फ़ एक दिशा तय नहीं करेगी, बल्कि यह भी साफ़ करेगी कि झारखंड की राजनीति का ऊँट किस करवट बैठने वाला है।
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